इंदौर की रंग पंचमी कई मायने में भिन्न हजारों किलो गुलाल और पानी से लाखों लोगों को भिगोया
मध्य प्रदेश के शहर इंदौर की रंग पंचमी कई मायने में भिन्न है. इस दिन बड़े स्तर पर गेर निकाली जाती है. इसमें हजारों किलो गुलाल और पानी से लाखों लोगों को भिगोया जाता है. यह परंपरा पिछले कई सालों से चली आ रही है. इंदौर की गेर में विशेष रूप से विभिन्न राज्यों से सभी धर्म के लाखों लोग शामिल होते हैं. इसे देखने लोग विदेश से भी आते है. इन गेरो को यूनेस्को की ओर से संरक्षित घोषित कराने का प्रयास भी किया जा रहा है. वैश्विक महामारी कोरोनावायरस के चलते 2020 और 2021 में गेर निकालने पर पाबंदी लगा दी गयी थी. हालांकि, पिछले साल मध्य प्रदेश और अन्य राज्यों में फिर वही जोश से रंग पंचमी मनाई गयी थी..जबकि इस साल गेर को लेकर आमजन में खासा उत्साह देखने को मिल रहा है..जबकि आयोजकों ने भी अपनी तरफ से तैयारियों पूरी कर ली है..इंदौर में रंगपंचमी पर टोरी कार्नर महोत्सव समिति, संगम कार्नर, मॉरल क्लब, रसिया कार्नर, हिंद रक्षक राधाकृष्ण फाग यात्रा,संस्था संस्कार, बाणेश्वर समिति, माधव फाग यात्रा द्वारा गेर निकाली जाती है..आयोजकों का कहना है कि लोगों के उत्साह के बीच तैयारियां पूरी कर ली गई है…जबकि इस साल एमजी रोड चौड़ीकरण का काम भी पूरा हो जाने से भी आयोजक निश्चिंत है ।
–हम आपको बता दें कि होलकर राजघराने के लोग रंगपंचमी के दिन बैलगाडिय़ों से फूल और गुलाल आम नागरिकों पर डालते थे। इससे सामाजिक सौहार्द्र बढ़ा और धीरे धीरे गेर ने पूरी तरह से सामाजिक रंग ले लिया। लगभग सौ साल पहले इसे सामाजिक रूप से सार्वजनिक जगहों पर मनाने की शुरुआत हुई थी ।
बाईट –कमलेश खंडेलवाल,संगम कार्नर
बाईट –राजपाल जोशी,रसिया कार्नर