स्वच्छता ही नहीं अब सेहत की राजधानी भी बन रहा अपना इंदौर

दिल्ली, मुंबई, चेन्नई जाने की जरूरत नहीं, हर तरह का उपचार संभव
नगर प्रतिनिधि इंदौर
यह कोई चार दशक पहले की बात होगी, जब इंदौर में मेडिकल जांच के नाम पर एक्स-रे और पैथालाजी की छोटी-मोटी जांच के अलावा कुछ खास हुआ नहीं करता था। इक्का-दुक्का बड़े नर्सिंग होम को छोड़ दें, तो बाकी नर्सिंग होम घरों में ही संचालित होते थे। अस्पताल के लिए नई बिल्डिंग बनाकर अस्पताल संचालित करने का ट्रेंड था ही नहीं। यहां के लोगों को उपचार के लिए मुंबई, दिल्ली, चेन्नई जैसे बड़े शहरों का मुंह ताकना पड़ता था। किंतु यह 2023 का साल है और इंदौर अब पूरी तरह बदल चुका है। अब अपना शहर मध्य भारत का सबसे बड़ा, अत्याधुनिक और नवाचार करने वाला चिकित्सा हब बन चुका है। ऐसा कोई बड़ा उपचार नहीं, जिसकी अक्सर जरूरत पड़े और वह इंदौर में न हो सके। कुल मिलाकर इंदौर अब स्वच्छता ही नहीं बल्कि कई मायनों में स्वास्थ्य व चिकित्सा की राजधानी भी बन गया है। यह इंदौर का आर्थिक-आकर्षण ही है कि अब देश के तमाम बड़े अस्पताल समूह उपचार की विश्वस्तरीय सुविधाओं के साथ यहां आमद दे चुके हैं। बीते तीन दशक में इंदौर की सेहत की तस्वीर पूरी तरह बदल चुकी है। कोकिलाबेन धीरुभाई अंबानी, अपोलो, मेदांता जैसे समूहों के अस्पताल यहां कार्यरत हैं। वहीं बाम्बे, सीएचएल, चोइथराम जैसे बड़े अस्पतालों ने भी शहर की नब्ज को थाम रखा है। दिलचस्प यह कि इंदौर में बड़ी बीमारियों का उपचार अन्य शहरों के मुकाबले सस्ता भी है। यही वजह है कि अब विदेश से भी मरीज उपचार के लिए इंदौर आने लगे हैं। इंदौर अब ट्रू मेडिकल हब बन गया है।

Author: Dainik Awantika