प्रदेश में पिछले चुनाव में हारे 18 हजार बूथों पर भाजपा का फोकस

एक-एक बूथ, एक -एक वोट और हार के कारणों पर नजर

इंदौर। आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर भाजपा ने ज्यादा से ज्यादा महिलाओं को जोड़ने पर फोकस शुरू कर दिया है। इसके तहत पार्टी बूथ समितियों में कम से कम 33 फीसदी महिलाओं को शामिल करेगी। खास बात यह है कि हर जिले में पार्टी कुछ ऐसे बूथ भी तैयार करेगी, जहां महिला सदस्यों व पदाधिकारी की संख्या 50 फीसदी से ज्यादा हो। पार्टी ने संगठन के निर्देश पर महिला सदस्यों काे अधिक संख्या में जोड़ने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। पार्टी की यह भी तैयारी है कि इंदौर नगर व जिले दोनों में 51 फीसदी वोट शेयर के टारगेट के साथ बूथ पर काम होगा। पार्टी इस बार इंदौर की अधिकतर सीटें जीतने की रणनीति पर काम कर रही है।
यही वजह है कि पहली बार बूथ पर सामाजिक समीकरण का भी खास ध्यान रख रही है। इंदौर सहित प्रदेशभर में पिछले कुछ चुनावों से लगातार हार रहे 18 हजार 200 बूथों पर पार्टी ने इस बार ज्यादा फोकस किया है। इन बूथों पर ही पार्टी 50 फीसदी से ज्यादा महिला कार्यकर्ताओं को जिम्मा सौंपेगी।

ज्यादा से ज्यादा संख्या में महिलाओं को जोड़ रहे

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा का कहना है कि हम बूथ समितियों में ज्यादा से ज्यादा महिलाओं को जिम्मेदारी सौंप रहे हैं। कम से कम 33 फीसदी पद तो महिलाओं को दे ही रहे हैं। 11 सदस्यीय बूथ समितियां हों या पन्ना समिति। हम सभी जगह महिलाओं को ज्यादा संख्या में जोड़ रहे हैं। लक्ष्य 51 फीसदी वोट शेयर का है।
बताते हैं कि भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने हाल ही में इस मुद्दे पर जिलाध्यक्ष डॉ. राजेश सोनकर, महापौर पुष्यमित्र भार्गव से भी चर्चा की थी।

एक-एक वोट की समीक्षा करेंगे

सामान्य तौर पर भाजपा के जो मजबूत बूथ हैं, वे सालों से उसी मजबूती के साथ बने हुए हैं, लेकिन अब हम यह समझ रहे हैं कि जिन बूथ पर 1 हजार में से 900 वोट मिल रहे हैं, उन पर 100 वोट क्यों नहीं मिल रहे? इसके पीछे क्या कारण है। किस समाज के मतदाता हैं, क्या किसी की कोई नाराजगी है?