मोबाईल विस्फोट में हादसा नहीं थी हत्या विस्फोटक लगा कर की गई थी बुजुर्ग की हत्या
उज्जैन बड़नगर स्थित रुनिजा रोड पर 27 मार्च को किसान दयाराम बारोड़ (60) का खेत पर बने कमरे में क्षत-विक्षत शव मिला था। पास ही ओप्पो कंपनी का मोबाइल पड़ा था। प्रथम दृष्टया लग रहा था कि चार्जिंग पर लगे मोबाइल फटने से हादसा हुआ है, जिसमें किसान के शरीर का ऊपरी हिस्सा उड़ गया था। घटनास्थल से रतलाम एफएसएल की टीम को किसान के मोबाइल की बैटरी लीकेज हालत में मिल गई थी। मामला संदिग्ध होने पर पुलिस ने गहनता से जांच की।पता चला कि खदान व कुएं को गहरा करने में उपयोग किए जाने वाले डेटोनेटर से विस्फोट किया गया है। जांच के दौरान घटनास्थल पर डेटोनेटर के कुछ सबूत भी मिले हैं। टीआई मनीष मिश्रा ने बताया कि जांच में पता चला कि घटना से पहले दयाराम ने दोस्त के अलावा एक महिला से भी बात की थी। फिलहाल यह पता नहीं चल सका कि घटनास्थल पर डेटोनेटर कैसे पहुंचा और विस्फोट किसने किया? विस्फोट में उपयोगी इलेक्ट्रिक तार कहां गए? जांच में पता चला दयाराम दोनों बेटों से अलग रहता था। उसने मोटी रकम ब्याज पर गांव में दे रखी थी। कुछ समय पहले जमीन बेचने से उसके पास 45 लाख रुपए आए थे। उक्त राशि को परिजन मांग रहे थे। नहीं देने के कारण वह नाराज थे। वहीं, शंका के घेरे में आए परिजन के मोबाइल की सीडीआर लगभग खाली है। वजह वह सिर्फ वाट्सएप कॉल पर लोगों से बात करता था। पुलिस अब हत्या के एंगल से जांच कर रही है। पुलिस पीएसटीएन (पब्लिक स्विच्ड टेलिफोन नेटवर्क) डेटा निकालने की तैयारी कर रही है। इससे घटना के समय क्षेत्र में एक्टिव मोबाइल का पता चल जाएगा। इसी आधार पर पुलिस शंका के घेरे में आए लोगों को चिन्हित कर जांच करेगी। टीआई मनीष मिश्रा ने कहा कि कुछ लोग शंका के घेरे में भी हैं। पता लगा रहे हैं कि डेटोनेटर कैसे फूटा? अगर किसी ने साजिश की है तो पीएसटीएन से खोजने का प्रयास कर रहे हैं।