मानहानि केस में ,राहुल गांधी को 2 साल की सजा
जानिए क्या हे पूरा मामला ,
सूरत जिला अदालत ने गुरुवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी को 2019 में की गई उनकी कथित ‘मोदी उपनाम’ टिप्पणी पर उनके खिलाफ दायर आपराधिक मानहानि के मामले में दोषी ठहराया। गांधी आज सुबह गुजरात के सूरत पहुंचे, जहां अदालत ने 2019 के मामले में अपना फैसला सुनाया।दो साल की सजा भी सुनाई गई है। हालांकि राहुल गांधी को जेल नहीं जाना पड़ेगा, क्योंकि ऊपरी अदालत से उन्हें तत्काल जमानत मिल गई। सुनवाई के दौरान राहुल गांधी सूरत कोर्ट में मौजूद रहे।
दरसल यह मामला 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले कर्नाटक के कोलार में एक रैली के दौरान की गई उनकी टिप्पणी से संबंधित है, जहां उन्होंने कथित तौर पर टिप्पणी की थी कि “सभी चोरों का उपनाम मोदी कैसे हो सकता है?”।यह मामला भाजपा विधायक और गुजरात के पूर्व मंत्री पूर्णेश मोदी ने दायर किया था।
गांधी के वकील किरीट पानवाला ने कहा कि मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट एचएच वर्मा की अदालत ने पिछले सप्ताह दोनों पक्षों की अंतिम दलीलें सुनीं और 23 मार्च को फैसला सुनाया।
क्या है मामला, जिसमें राहुल की पेशी होगी?
2019 लोकसभा चुनाव के लिए कर्नाटक के कोलार में एक रैली में राहुल गांधी ने कहा था, कैसे सभी चोरों का उपनाम मोदी है? इसी को लेकर भाजपा विधायक व गुजरात के पूर्व मंत्री पूर्णेश मोदी ने राहुल गांधी के खिलाफ मानहानि का मामला दर्ज कराया था। उनका आरोप था कि राहुल ने अपनी इस टिप्पणी से समूचे मोदी समुदाय का मान घटाया है। वायनाड से लोकसभा सदस्य राहुल ने 2019 के आम चुनाव से पहले कर्नाटक के कोलार में आयोजित जनसभा में इस मामले से जुड़ी टिप्पणी की थी।
मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट एचएच वर्मा की अदालत ने पिछले शुक्रवार को दोनों पक्षों की अंतिम दलीलें सुनने के बाद फैसला सुनाने के लिए 23 मार्च की तारीख तय की। राहुल इस मामले की सुनवाई के दौरान तीन बार अदालत में पेश हुए। अक्तूबर 2021 में बयान दर्ज कराने के लिए अदालत पहुंचे राहुल ने खुद को निर्दोष बताया था