महाकाल में खुदाई में निकला शिव मंदिर देखने पहुंचे एडीजी
– गणेश, कार्तिक स्वामी की पत्नी सहित कई प्रतिमाएं मिली
– विशेषज्ञों ने पुलिस अफसरों को भी मंदिर व प्रतिमाएं दिखाई
उज्जैन। महाकाल मंदिर के विस्तारीकरण के लिए चल रही खुदाई में पिछले दिनों प्राचीन मंदिर मिला था। यह शिव मंदिर होने के प्रमाण मिले हैं। यहां मंदिर के साथ ही आसपास से भगवान गणेश व कार्तिकेय स्वामी की पत्नी सहित अनेक देवी-देवताओं की प्रतिमाएं प्राप्त हुई है। इन दुर्लभ प्रतिमाओं को देखने के लिए शुक्रवार को उज्जैन के एडीजी योगेश देशमुख महाकाल मंदिर पहुंचे।
उन्होंने खुदाई स्थल का पैदल निरीक्षण किया। इस दौरान उज्जैन के पुलिस अधीक्षक सत्येंद्र कुमार शुक्ला भी मौजूद थे। एडीजी देशमुख व सभी पुलिस अफसरों को पुरातत्व विभाग द्वारा यहां पदस्थ वाकड़कर शोध संस्थान के डॉ. धुर्वेंद्र जोधा ने मंदिर व सभी प्रतिमाओं के इतिहास के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी देते हुए बताया कि महाकाल मंदिर क्षेत्र का इन दिनों विस्तारिकरण का कार्य चल रहा है जिसकी खुदाई के दौरान पूर्व में भी अनेक पुरातात्विक महत्व की सा मग्रियां व मूर्तियां प्राप्त हुई है। इन पूरा सम्प्रदाओं का विभाग द्वारा संरक्षण किया जा रहा है।
प्रतिमाएं 11 वीं शताब्दि की, गणेश जी की अष्ट भुजा वाली मूर्ति मिली
प्रारंभिक जानकारी में यह बात सामने आई है कि उक्त शिव मंदिर 11 वीं शताब्दि का होना लग रहा है तथा इसके निर्माण के कुछ सालों मानो इसे तोड़ा गया हो। क्योंकि खुदाई में मिल रहे अवशेष इस बात को प्रमाणित करते हैं। डॉ. जोधा ने बताया कि खुदाई में मंदिर के साथ ही शिव के पुत्र गणेश, कार्तिकेय व उनकी पत्नी की मूर्तियां भी नि कली है जो कि परमार कालीन है। गणेश की मूर्ति अष्टभुजा वाली है तो प्रतिमा भी आकर्षक है।
मंदिर कमर तक, मंडप एवं लता वल्लरी से विभूषित स्तंभ भी देखे
अधिकारियों ने देखा कि मंदिर का वर्तमान में जो हिस्सा दिखाई पड़ रहा है वो जगती (कमर) तक है, जिसके मध् य व मुख्य मंडप का भाग दिख रहा है। खुदाई में आमलक, कलश, मंजीरी, भार वा हक, कीचक आदि स्तम्भ भी प्राप्त हुए है। ये स्तम्भ लता-वल्लरी से विभूषित हैं। यहॉ से प्राप्त प्रतिमाओं के आधार पर इसे अब प्रमाणिक रूप से शिव मंदिर कहा जा सकता है, क्योंकि शिव-परिवार की मूर्तियॉ मिलना इसका सबसे बड़ा सबूत है।