पिता की हत्या के बाद इंदौर में बेटे की मौत : अलसुबह पीएम, पुलिस की निगरानी में भेजा युवक का शव
दलित नेता मनोज परमार ने किया था प्रदर्शन, इसके बाद आरोपियों का ढहाया था मकान
इंदौर। शहर के पास देपालपुर में आदिवासी दलित मायाराम की डंडों से पीटकर दबंगों ने हत्या कर दी थी। इस हमले में मायाराम के दो बेटे मेहरबान ओर अन्य घायल हो गए थे। आदिवासी समाज ने जमकर विरोध किया तब प्रशासन और पुलिस ने दबंगों को गिरफ्तार करने के बाद उनके घरों पर बुलडोजर चलवा दिए थे। जिसमें करीब 10 दिनों तक उपचार के बाद मंगलवार रात मेहरबान ने भी दम तोड़ दिया।
बताया जा रहा है कि मामला पट्टे की जमीन का है। जिस पर एक महीने पहले ही जिला प्रशासन ने दलित बागरी परिवार को कब्जा दिलवाया था। जब यह परिवार कब्जे के लिए पहुंचा तो आरोपी बाबूसिंह, पवनसिंह ने इतना मारा कि इलाज के दौरान 60 वर्षीय मायाराम बागरी की मौत हो गई थी। दबंगों ने मायाराम के दोनों बेटों सहित 9 लोगों को घायल कर दिया, जिनका इलाज निजी अस्पताल में चल रहा था। प्रशासन ने 4 लाख रुपए की सहायता मृतक के परिजन को दी है। घायलों को 25-25 हजार रुपए दिए हैं। मामले में चार आरोपी गिरफ्तार हो चुके हैं।
पुलिस ने गिराया था आरोपियों का मकान
आदिवासी की हत्या के बाद पुलिस और प्रशासन के अफसर मौके पर पहुंचे थे। यहां दलित समाज के नेता मनोज परमार और नरेन्द्र चंद्रवंशी ने प्रदर्शन भी किया था। प्रशासन ने इस मामले में बाबूसिंह, पवनसिंह, तूफान, गोकुल, नागूसिंह, जितेंद्र, गनीबाई, रेखाबाई, नन्नीबाई के खिलाफ प्रकरण दर्ज कराया था। वही आरोपियों का मकान भी गिरा दिया था।
प्रशासन ने अल सुबह कराया पोस्टमॉर्टम
मेहरबान की निजी अस्पताल में मौत की जानकारी लगने के बाद पुलिस ने रात में ही शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया। वही सुबह साढे आठ बजे ही पोस्टमॉर्टम करवा दिया। पुलिस की निगरानी में शव को देपालपुर के काकवां गांव के लिए रवाना कर दिया।