जल्दी मदद मिल जाती तो बच सकती थी कुछ और जान
इंदौर में रामनवमी पर बावड़ी में हुए हादसे ने खड़े किए कई सवाल
इंदौर। पटेल नगर स्थित बेलेश्वर महादेव झूलेलाल मंदिर में गुरुवार सुबह बड़े हादसे के बाद एक घंटे तक मदद नहीं पहुंची। हादसे के बाद रहवासियों ने बताया कि उन्होंने हादसे की सूचना तुरंत पुलिस और नगर निगम के कंट्रोल रूम पर दे दी थी। बावजूद इसके एक घंटे तक मदद नहीं पहुंची। बावड़ी में अंधेरा और घुटन होने से लोग परेशान होते रहे। करीब एक घंटे बाद प्रशासन, स्वास्थ्य विभाग, नगर निगम की टीमें पहुंचीं, जिसके बाद बचाव अभियान शुरू हुआ। लोगों का कहना है कि समय रहते मदद मिल जाती तो मौत का आंकड़ा कम किया जा सकता था। दोपहर करीब एक बजे से लोगों को बावड़ी से निकालने का सिलसिला शुरू हुआ। घायलों को भंवरकुआं स्थित एप्पल अस्पताल में भर्ती कराया गया।
बावड़ी पर बनी फर्श पर बैठकर हवन कर रहे थे लोग
हादसे में छह वर्षीय बच्ची सहित कई लोगों की मौत हो गई। रामनवमी पर मंदिर में बड़ी संख्या में लोग एकत्र थे। ये लोग फर्श पर बैठ कर हवन कर रहे थे। इस फर्श के नीचे दशकों पुरानी बावड़ी है, जिसमें सात-आठ फीट पानी रहता है। सुबह करीब 11 बजे स्लैब अचानक धंस कर बावड़ी में गिर पड़ा। इससे हवन कर रहे लोग बाव़ड़ी में गिर गए। बावड़ी करीब 45 फीट गहरी है।
55 वर्ष पुरानी है बावड़ी
रहवासियों के मुताबिक जिस बावड़ी में हादसा हुआ है, वह करीब 55 वर्ष पुरानी है।
वर्षों से कर रहे हैं शिकायत, नहीं हो रही सुनवाई
रहवासियों ने बताया कि गार्डन की जमीन पर लगातार अतिक्रमण हो रहा है। 10 वर्ष पहले जब पक्की स्लैब डाली गई थी उस वक्त भी उन्होंने इसका विरोध करते हुए शिकायत दर्ज कराई थी लेकिन कुछ नहीं हुआ। हाल ही में कुछ लोगों ने मंदिर के नाम पर अतिक्रमण कर पक्का निर्माण कर लिया है। हमने इसकी भी शिकायत की लेकिन कुछ नहीं हुआ।
हादसे के बाद जागा नगर निगम
हादसे के बाद नगर निगम नींद से जागा है। निगमायुक्त प्रतिभा पाल ने कहा कि बावड़ी के अतिक्रमण हटाने और खोलने के लिए निगम ने पूर्व में नोटिस दिया था। अब हादसे के बाद निगम के अधिकारी शहर की सभी बावड़ियों की सुरक्षा जांचने और बावड़ियों पर हो रहे अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई की बात कर रहे हैं।
आपबीती: सीढ़ी पकड़ दो घंटे खड़ी रही छह साल की एलिना
मैं मम्मी और वेदा(छोटी बहन) के साथ पूजा करने गई थी। सब लोग कुआं(बावड़ी) पर चढ़ गए थे। अचानक स्लैब टूट गया और हम सब गिर गए। मैंने मम्मा का हाथ पकड़ा, लेकिन वह तो पानी में चली गई। एक अंकल का हाथ पकड़ कर मैं सीढ़ी के पास गई। वेदा भी मेरे पास में थी। मम्मा पानी में डूब रही थी। उनके मुंह में पानी घुस रहा था। बुलबुले देख कर मैंने एक हाथ से पानी हटाया। मुंह के पास फूंक मारी और पानी रोकने की कोशिश की। कुएं में अंधेरा था। थोड़ी देर बाद मुझे कुछ नहीं दिखा। बहुत देर बाद एक अंकल आए और मेरा हाथ पकड़ लिया। यह कहना है छह वर्षीय एलिना खुबचंदानी का जो तीन वर्षीय छोटी बहन वेदा और मां भूमिका के साथ बावड़ी में गिरी थी। वेदा और एलिना को सुरक्षित निकाल लिया लेकिन भूमिका को नहीं बचाया जा सका।
मां – दादी को बचाने बावड़ी में कूद गया युवक
हादसे के दौरान एक युवक अपनी मां और दादी को बचाने के लिए बावड़ी में कूद गया। युवक मयंक पटेल के मुताबिक जैसे ही मुझे बावड़ी में हादसे की सूचना मिली मैं घटनास्थल पर पहुंचा। बावड़ी में मेरी मम्मी ज्योति पटेल व दादी रतन बेन गिर गई थी। मैंने पुलिस की अनुमति ली और बताया कि मुझे तैरना आता है। इसके बाद मैं बावड़ी में कूदा और अन्य दो तीन युवक भी लोगों को बचाने के लिए कूदे। बावड़ी में अंदर पहुंचकर मैंने कुछ लोगों को सीढ़ियों पर बैठाया। करीब 45 मिनट से एक घंटे तक बावड़ी में रुका रहा। सफोगेशन होने लगा तो रस्सी पकड़कर बाहर आया। मेरी मम्मी ज्योति पटेल को सबसे पहले निकाला गया।