धर्म को धन मानने वालों को मिलते श्री राम- पं. गोविंद जाने
अकोदिया मंडी। धर्म, कर्म और हमारा व्यवहार ही हमारे साथ जाता है। हमारी कमाई हुई संपत्ति और धन यहीं रह जाएगा। इसलिए धर्म को धन मानो। क्योंकि जो धर्म को धन मानते हैं उन्हें राम मिलते हैं। राजा दशरथ जी की आंख और मन केवल धर्म को देखते थे तो उन्हें पुत्र के रूप में प्रभु श्री राम मिले और रावण धन को धर्म मानता था जिसे राम तो मिले लेकिन काल के रूप में।
यह बात पं. गोविंद जाने ने अकोदिया में हनुमान मंदिर के पास स्थित मैदान जैधे कृषि फार्म पर गुरूवार से शुरू हुई श्रीमद भागवत कथा के पहले दिन कथा का वाचन करते हुए कही।
श्री नागर ने की उन्होंने कहा कि राजा दशरथ को उनके पुण्य कर्मों का फल मिला और प्रभु श्री राम के रूप में भगवान नारायण ने उनके यहां जन्म लिया। रावण भी बड़ा प्रतापी था और महान शिव भक्त भी था लेकिन वह अहंकारी था जिसे प्रभु श्री राम तो मिले लेकिन काल के रूप में जो जीते जी प्रभु को नहीं पहचान पाया। इसलिए धर्म को धन और अच्छे आचरण के साथ जरूरतमंदों की सेवा को अपनी संपत्ति समझो जिसे जितना हो जमा करो क्योंकि यही ईश्वर देखता है बाकी उसे आपके वैभव और संपत्ति से कोई लेना-देना नहीं होता। आज से और अभी से अपने खाते को अच्छे कर्मों से भरना शुरू कर दो तो आपका जीवन धन्य हो जाएगा।
श्री बजरंग भक्त मंडल के तत्वाधान मे आयोजित हो रही कथा के आयोजन को लेकर पूरे क्षेत्र में उत्साह का माहौल था जिसकी शुरूआत भी उसी उत्साह और उमंग के साथ हुई। नगर मे एतेहासिक कलश यात्रा निकाली गई। जिसमे बड़ी संख्या मे महिलाए पीली चुनरी पहनकर सर पर कलश रखकत सम्मलित हुई। कलश यात्रा श्री हनुमान मंदिर से प्रारम्भ हुई जो अन्नपूर्णा माता मंदिर,जाटपुरा, सेन्ट्रल बैंक रोड़, कंगन बाजार, अहिंसा द्वार,टप्पा चौराहा होते हुए पुन: कथा स्थल पहुंची। कलश यात्रा का विभिन्न स्थानों पर पुष्पवर्षा व खाद्य पदार्थ वितरित कर स्वागत किया गया।