इंदौर बावड़ी हादसा: हुआ करती थी सुसाइड पॉइंट
एक बुजुर्ग जिसने पत्नी-बहू को खोया उसने बताई कहानी….
इंदौर के बेलेश्वर महादेव झूलेलाल मंदिर हादसे में बड़ा खुलासा हुआ है। जिस बावड़ी की छत धंसकने 36 लोगों की मौत हुई, उसे नगर निगम ने ही बंद कराया था। इसकी वजह थी, बावड़ी का सुसाइड पॉइंट बन जाना।
हादसे में मंदिर ट्रस्ट के सहासचिव लक्ष्मीकांत पटेल ने अपनी पत्नी दक्षाबेन पटेल और बहू कनक को खो दिया। लक्ष्मीकांत ने कहा की हम 1970 में यहां रहने आए थे। तब गिनती के दो या तीन मकान हुआ करते थे। मंदिर की जगह सिर्फ ओटला था। पास में बावड़ी थी, जिसमें 1980 से 85 के बीच कई लोगों ने सुसाइड कर लिया था। जब भी कोई पंचनामा बनाया जाता था तो हमसे गवाही ली जाती थी। इससे हम परेशान हो गए थे, तब आईडीए का नाम इंप्रूवमेंट ट्रस्ट हुआ करता था। हमने उस ट्रस्ट से शिकायत भी की थी। इसके बाद नगर निगम ने बावड़ी को बंद करवाया था और स्लैब डलवाई थी।
हर बार हवन पूजन बाहर होता था, यहां पहली बार हुआ….
लक्ष्मीकांत ने बताया कि अगले साल महादेव मंदिर की मूर्तियों को नए मंदिर में शिफ्ट करना था। इसी वजह से सभी ने सहमति दी थी कि इस बार बाहर निर्माण कार्य चल रहा है, इसलिए हवन पूजन मंदिर के अंदर ही कर लिया जाए। इसी कारण से पहली बार मंदिर के अंदर हवन पूजन किया जा रहा था और हादसा हो गया।