बावड़ी हादसे के बाद अब उठ रहे कई सवाल, मौतों के बाद अब तक गुत्थी बरकरार

36 मौतों का आखिर कोन जिम्मेदार ….

इंदौर के बावड़ी हादसे के बाद से कई सवाल उठ रहे है..दूसरी तरफ 36 मौतों के बाद अब तक यह गुत्थी बरकरार है कि आखिर इस घटना का जिम्मेदार सही मायने में कौन है..इसी बीच बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय का बयान भी सामने आया है ।

बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय का बयान…

इंदौर के पटेल नगर में हुए बावड़ी हादसे में 36 लोग काल के गाल में समा गए..जबकि कई घायल अभी भी उपचाररत है..घटना को दो दिनों से अधिक का समय बीत चुका है,लेकिन इस दर्दनाक हादसे का वास्तविक जिम्मेदार कौन है,यह गुत्थी अभी तक उलझी हुई है..इसी बीच बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय का बयान भी सामने आया है.कैलाश विजयवर्गीय ने कहा है कि मृतकों को सिर्फ सहायता देना नहीं,बल्कि दोषियों को आइडेंटिफाई करना चाहिए,मैं इसके पक्ष में हूं..उन्होंने कहा कि यह बड़ी घटना है और दोषियों को कटघरे में खड़ा नहीं करेंगे,तो यह ठीक नहीं होगा ।

36 लोगों की मौत को लेकर भाजपा और कांग्रेस में राजनीति शुरू….

बेलेश्वर महादेव बावड़ी हादसे को लेकर कांग्रेस सांसद शंकर लालवानी पर सवाल उठा रही है। कांग्रेस का आरोप है कि लालवानी ने मंदिर और अवैध निर्माण पर कार्रवाई नहीं करने के लिए दबाव बनाया। शनिवार को शहर युवा कांग्रेस कार्यकर्ता लालवानी के निवास पर कफन लेकर पहुंचे। रास्ते में पुलिस ने कार्यकर्ताओं को रोकने के लिए बेरिकेड लगा रखे थे। कार्यकर्ता और पुलिस जवानों के बीच हल्की झड़प हुई। बाद में कांग्रेस कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार कर लिया गया।

बावड़ी की छत गिरने से हुई 36 लोगों की मौत को लेकर भाजपा और कांग्रेस में राजनीति शुरू हो गई है। कांग्रेस नेताओं का कहना है मंदिर ट्रस्ट के पदाधिकारी सांसद शंकर लालवानी के समर्थक है और उनके कहने पर लालवानी ने नगर निगम के अफसरों पर कार्रवाई नहीं करने का दबाव बनाया था। नगर निगम ने जनवरी में नोटिस दिया था, लेकिन अफसर कार्रवाई से बचते रहे।इधर सांसद पर आरोप लगाने के साथ युवक कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने शंकर लालवानी के घर पर प्रदर्शन कर कफन भेंट करने की तैयारी की..हालांकि प्रदर्शन के मद्देनजर शंकर लालवानी के घर के काफी पहले बेरिकेडिंग कर पुलिस ने मोर्चा संभाल लिया था..युवा कांग्रेस के कार्यकर्ता अपने साथ कफन लेकर गए थे। वे सांसद को कफन भेंट कर इस हादसे की जिम्मेदारी लेने की बात कहना चाहते थे, कार्यकर्ता पलासिया के पीडब्लूडी परिसर स्थित आवास पर पहुंचने के लिए निकले थे। निवास से पहले पलासिया थाने के पुलिस जवानों ने कार्यकर्ताओं को रोका। इसके बाद कार्यकर्ता नारेबाजी कर अपना विरोध दर्ज कराने लगे। पुलिस ने कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार कर पुलिस वाहन में बैठा दिया।इसके बाद नेता वाहन के गेट पर खड़े होकर नारे लगाते रहे है और कफन हवा में फेंकते नजर आए।