कलयुगी कपूत : जमीन-मकान अपने नाम करवाए– तीर्थ के बहाने पिता को ट्रेन में बैठाया और देवास में छाेड़कर चलता बना
देवास। बेटे ने पिता काे झांसे में लेकर चार एकड़ जमीन और मकान अपने नाम करवा लिया। पिता काे घुमाने के बहाने महाराष्ट्र के परभणी से निकला। पूरे रास्ते पिता के हाथ-पैर दबाता रहा। पिता समझे बेटा उन्हें तीर्थ करवा रहा है। जैसे ही देवास स्टेशन आया, बेटे ने कहा- पिताजी मैं आपके लिए कुछ खाने का सामान लेकर आता हूं। ट्रेन चली गई, लेकिन बेटा नहीं लाैटा। करीब 25 दिन तक बुजुर्ग पिता स्टेशन पर ही बैठकर बेटे का इंतजार करते रहे कि शायद किसी ट्रेन से वह लाैट आए।
लेकिन जाे छाेड़कर ही चला जाए वह कैसे लाैटेगा। कपड़ाें सहित अन्य सामान का बैग भी बेटा साथ लेकर चला गया। बुजुर्ग काे रेलवे स्टेशन के बाहर आसपास के दुकानदाराें ने देखा ताे उन्हें खाने के लिए भाेजन देने लगे। बुजुर्ग इतना खुद्दार है कि वह भूखा रहा, लेकिन भीख नहीं मांगी। दुकानदाराें ने उनसे बात करने के बाद जिला अधिकारियाें काे बताया, तब जाकर इसी हफ्ते वृद्धाश्रम बसेरा में उसकाे प्रवेश दिलवाया गया।
चार एकड़ जमीन-मकान नाम करवा ली
वृद्धाश्रम में पांच दिन से रह रहे 75 वर्षीय पांडुरंग राठाैर निवासी जिंतूर जिला परभणी (महाराष्ट्र) ने बताया मेरे नाम से 4 एकड़ भूमि और मकान है। एक माह पहले बेटे सुभाष ने झांसे में लेकर मुझसे दस्तावेजाें पर हस्ताक्षर करवाकर जमीन-मकान अपने नाम से करवा लिया। इसके कुछ दिन बाद कहने लगा पिताजी आपकाे घुमाकर लाता हूं। ट्रेन में मेरे हाथ-पैर दबाते-दबाते लाया और देवास स्टेशन पर उताकर कहने लगा मैं आपके लिए सामान लेकर आता हूं। उसके एक माह बाद भी वापस नहीं आया, मेरे कपड़ाें का बैग भी अपने साथ ले गया। स्टेशन के बाहर रहा, लाेगाें ने भाेजन दिया। मेरी पत्नी अलग रहती है। एक बेटा व दाे बेटियां भी हैं, जाे साथ में नहीं रखते थे।