आपराधिक मामले में दोषमुक्ति के बाद पुलिस में भर्ती से नहीं कर सकते वंचित

हाई कोर्ट का महत्वपूर्ण आदेश : पुलिस अधीक्षक का आदेश निरस्त

जबलपुर। हाई कोर्ट ने महत्वपूर्ण कानूनी बिंदु का निर्धारण करते हुए अपने आदेश में साफ किया कि आपराधिक प्रकरण में सक्षम अदालत द्वारा राजीनामा के आधार पर दोषमुक्त उम्मीदवार को अयोग्य नहीं ठहराया जा सकता। न्यायमूर्ति आनंद पाठक की एकलपीठ ने इस मत के साथ पुलिस भर्ती 2020 के मामले में चयन से वंचित किए जाने का आदेश निरस्त कर दिया।
आरक्षक भर्ती में पुलिस अधीक्षक देवास ने चयनित उम्मीदवार भूपेंद्र सिंह को इस आधार पर पदस्थपना देने से वंचित कर दिया था कि उसके विरुद्ध आपराधिक प्रकरण दर्ज हुआ था, जिसमें वह राजीनामा के आधार पर दोषमुक्त हुआ है। सीहोर निवासी भूपेंद्र ने इस आदेश की वैधानिकता को हाई कोर्ट में चुनौती दी। याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता रामेश्वर सिंह ठाकुर ने पक्ष रखा। उन्होंने दलील दी कि याचिकाकर्ता ने आपराधिक प्रकरण की जानकारी नियुक्ति प्राधिकारियों को स्वयं ही दी थी। सुप्रीम कोर्ट की फुल बेंच द्वारा अवतार सिंह के प्रकरण में दिए गए दिशा-निर्देश के अनुसार याचिकाकर्ता को इस तरह वंचित नहीं किया जा सकता। विभाग के अधिकारियों ने उक्त दिशा-निर्देशों को दरकिनार किया है। सुनवाई के बाद हाई कोर्ट ने पुलिस अधीक्षक द्वारा 28 फरवरी, 2023 को दिए आदेश को निरस्त कर दिया।

Author: Dainik Awantika