इंदौर में हनुमान मंदिरों में मनाया जन्मोत्सव पर्व, मंदीरो में हुए कई धार्मिक अनुष्ठान

इंदौर। देश में  हर तरफ आज हनुमान जयंती पर्व की धूम रही है.. प्रदेश देश के  हनुमान मंदिरों में मनाया जन्मोत्सव पर्व इस दोरान मंदीरो में हुए कई धार्मिक अनुष्ठान इंदौर शहर के प्रसिद्ध श्री वीर अलीजा हनुमान धाम में भी हनुमान जयंती पर्व पर खास रौनक बनी रही…यहां इस दिन हनुमान जी का स्वर्ण चोले से श्रृंगारित किया गया था ।इंदौर में हनुमान जयंती का पर्व धूमधाम से मनाया गया ..यहां शहर के सभी हनुमान मंदिरों में अलसुबह से ही धार्मिक अनुष्ठानों के बीच श्रद्धालुओं का तांता लगना शुरू हो गया था… शहर के प्रसिद्ध श्री वीर अलीजा हनुमान धाम की रौनक भी इस दौरान निहारने लायक दिखाई दी.. हनुमान जयंती पर्व के मौके पर यहां तीन दिवसीय महोत्सव आयोजित किया जा रहा है ..जिसके तहत पहले दिन जहां भगवान को तरबूज महल में विराजित किया गया ,तो दूसरे दिन हनुमान जी के विग्रह का फलों के रस पंचामृत और औषधियों से अभिषेक किया गया था.. महोत्सव के प्रमुख और अंतिम दिन यानी हनुमान जयंती के दिन यहां पवन पुत्र का स्वर्ण चोले से श्रृंगार किया गया ..जबकि सुबह विशेष आरती की गई.. मंदिर में सुबह से ही भक्तों का तांता भी लगना शुरू हो गया था.. मान्यता है कि वीर अलीजा हनुमान धाम के दर्शन मात्र से भक्तों की समस्त मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं। इसी के तहत 135 वर्ष प्राचीन रणजीत हनुमान मंदिर में स्थापना के समय से ही हनुमान जन्मोत्सव धूमधाम से मनाने की परंपरा चली आ रही है। इस बार भी हनुमान जन्मोत्सव पर रणजीत हनुमान मंदिर कुछ खास और अलग दिखाई दिया। हनुमान जन्मोत्सव पर रणजीत हनुमान मंदिर की सजावट दक्षिण भारतीय शैली आजंनेय कोट्‌टारम् यानी मां अंजनी पुत्र का महल के आधार पर की गई..मंदिर के पुजारी और भक्त मंडल के सदस्य भी दक्षिण भारतीय परिधान में नजर आए। सभी सफेद मुंडु यानी लुंगी,सफेद शर्ट और सफेद गमछा डाले नजर आए। मंदिर सजाने का काम मथुरा-वृंदावन के कलाकारों द्वारा किया गया है। हनुमान जन्मोत्सव के मौके पर मंदिर परिसर में गेंदे के फूल, मधुकामिनी के फूल और केले के पत्तों की सजावट भी की गई है। इसके अलावा मंदिर को सजाने के लिए 400 मीटर कपड़ा, 8 हजार रनिंग फीट लकड़ी का भी इस्तेमाल किया गया । हनुमान जन्मोत्सव होने से गुरुवार को सुबह से रात तक तीन बार विशेष शृंगार और आरती की गई,जबकि मंदिर में सुबह से ही बड़ी संख्या में भक्तों का ताता लगा हुआ था..मंदिर में प्रवेश करने के साथ ही भक्तों का तिलक लगाकर स्वागत किया जा रहा है। लाइन में लगे भक्तों के लिए 48 कूलर के साथ ही ठंडे पानी व शरबत की व्यवस्था की गई है। मंदिर परिसर के बाहर भी टेंट लगाए गए है, ताकि लाइन में लगने वाले भक्तों को धूप न लगे। मंदिर परिसर को 3 क्विंटल गेंदा के फूलों, 1 हजार बंच मधुकामिनी के फूलों और केले के पत्तों से सजाया गया है।गुरुवार सुबह 6 बजे मंदिर में जन्मोत्सव आरती हुई, जिसमें हजारों की संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे। भगवान को भोग अर्पित किया गया। ढोल की थाप और जय रणजीत के जयकारों से मंदिर परिसर गूंज उठा। आरती के बाद भक्त खुशी में झूमते व नृत्य करते नजर आए। आरती के बाद लगातार भक्तों के आने का सिलसिला जारी है। अपनी मनोकामना लेकर पहुंच रहे भक्त भगवान का आशीर्वाद ले रहे है। वहीं मंदिर परिसर के बाहरी हिस्से में भजन गायक भगवान के भजन गा रहे है। पूरा माहौल भक्तिमय नजर आ रहा था ।