बैंक लॉकर से मिले सोने-चांदी के 6 किलो 862 ग्राम आभूषण
उज्जैन। केन्द्रीय जेल भैरवगढ़ में 67 कर्मचारी-अधिकारियों की जीपीएस-डीपीएफ राशि में हुए 15 करोड़ गबन के मामले में जांच कर रही एसआईटी की टीम ने 25 दिनों में 3 करोड़ की रिकवरी की है। पूर्व जेल अधीक्षक के बैंक लॉकर से 2.25 करोड़ के आभूषण और संपत्ति के साथ लाखों का भुगतान करने के दस्तावेज बरामद किये है।
जिला कोषालय ने 11 मार्च को लिखित आवेदन भैरवगढ़ थाना पुलिस को सौंपा था। जिसमें 15 करोड़ों का गबन किए जाने का उल्लेख था। तत्कालीन पुलिस अधीक्षक सत्येंद्र कुमार शुक्ल ने मामले की गंभीरता को देखते हुए धोखाधड़ी का प्रकरण दर्ज करने के निर्देश दिए। पुलिस ने जेल लेखा शाखा के अकाउंटेंट रिपुदमन के खिलाफ मामला दर्ज किया। जांच के लिए एसआईटी गठित की गई जिसका प्रमुख एएसपी डॉ इंद्रजीत बाकलवार को बनाया गया। एसआईटी में 16 सदस्यों को शामिल कर जांच शुरू की गई। जिसमें जेल अधीक्षक रहे उषाराज, जेल प्रहरी शैलेंद्र सिकरवार और धर्मेंद्र लोधी को भी आरोपी बना लिया गया। जांच आगे बढ़ी तो जगदीश परमार को भी आरोपियों में शामिल कर लिया गया। धोखाधड़ी की धारा 420 में दर्ज प्रकरण में धारा 409, 467, 468, 471, 34, 120 बी का इजाफा किया गया। एसआईटी की 25 दिनों की जांच और गबन की रिकवरी का रविवार को नवागत एसपी सचिन शर्मा ने एसआईटी प्रमुख डॉ. बाकलवार के साथ मीडिया के समक्ष खुलासा किया। जिसमें बताया कि अब तक की जांच में 3 करोड़ से अधिक की रिकवरी की जा चुकी है। 9 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। कुछ फरार चल रहे है, जिनकी तलाश जारी है। जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ेगी और मामले में तथ्य सामने आएंगे आरोपियों की संख्या बढ़ जाएगी। एसपी का कहना था कि गबन से जुड़े मामलों को एक ही प्रकरण में शामिल किया जाएगा, वहीं दूसरे मामले सामने आने पर अलग से जांच कर प्रकरण दर्ज किए जाएंगे। अभी तक की जांच में अलग से 2 मामले सामने आए हैं जिसमें भैरवगढ़ थाना पुलिस प्रकरण दर्ज कर चुकी है।