गुड फ्राइडे पर कैथोलिक चर्च से निकाली गई क्रूस यात्रा
उज्जैन। प्रभु यीशु को सूली पर चढ़ाई जाने का दिन ईसाई समाज ने गुड फ्राइडे के रुप में मनाया गया। शुक्रवार दोपहर कैथोलिक चर्च पर विशेष प्रार्थना सभा में समाज के हजारों अनुयायी शामिल हुए और दुखो का स्मरण किया। शाम को क्रूस यात्रा निकाली गई।
ईसाई समाज के प्रभु यीशु ने मानव जाति के उद्धार के लिये मानव रुप में कुंवारी मरियम से जन्म लिया था। उन्होने अपने जीवन के 33 साल मानव जाति के लिये चंगाई और भलाई के काम किया। लेकिन कुछ कट्टरपंथी यहूदी उनके काम का विरोध करने लगे और कई दोष उन पर लगा दिये गये। जिसके बाद प्रभु यीशु को पकड़ लिया गया और सूली पर चढ़ा दिया गया। वह दिन शुक्रवार था, उसके बाद से ईसाई समाज के अनुयायी उनके सूली पर चढ़ाए जाने के दिन को गुड फ्राइडे के रुप में मनाता आ रहा है। शुक्रवार को समाजजनों ने गिराजाघरों, चर्चो और प्रार्थना भवनों में विशेष प्रार्थना सभा आयोजित की और प्रभु यीशु के सूली पर चढ़ाए जाने के दौरान उठाए गये दुखों को स्मरण किया। ऋषिनगर मारिया नगर स्थित कैथोलिक चर्च में दोपहर 3 बजे से प्रार्थना सभा की शुरूआत की गई। विशप सेबास्टियन वडक्केल ने प्रभु यीशु द्वारा क्रूस पर कहीं गई सात वाणी का उल्लेख किया और उठाए गये दुखों का स्मरण कराया। शाम 6 बजे चर्च परिसर से क्रूस यात्रा निकाली गई, जो ऋषिनगर क्षेत्र से होती हुई चर्च परिसर में आकर समाप्त हुई। देवासरोड स्थित मसीही मंदिर चर्च में भी विशेष प्रार्थना सभा हुई।