रंगपंचमी पर महाकाल की गेर नहीं निकलेंगी,परंपरागत ध्वज पूजन होगा
उज्जैन।
रंगपंचमी पर 2 अप्रैल को इस बार महाकाल मंदिर से गेर नहीं निकाली जाएगी। केवल मंदिर प्रांगण में ही परंपरागत रूप से ध्वज पूजन किया जाएगा। यह निर्णय मंदिर के समस्त पुजारी एवं पुरोहितों ने लेते हुए बताया कि कोरोना से सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए शासन-प्रशासन की गाइड लाइन का पालन करते हुए आयोजन किया जाएगा। प्रतिवर्ष महाकालेश्वर ध्वज चलसमारोह समिति के तत्वावधान में रंगपंचमी की शाम को नगर में भव्य एवं आकर्षक गेर निकाली जाती है। लेकिन इस बार कोरोना को ध्यान में रखते हुए पुजारी-पुरोहितों ने जनहित में एक आर्दश प्रस्तुत करते हुए यह निर्णय लिया कि शहर में गेर न निकालते हुए केवल मंदिर में ही पूजन-अर्चन कर परंपरा का निर्वहन किया जाए। पुजारी-पुरोहितों ने बताया कि रंगपंचमी की शाम 6.30 बजे मंदिर प्रांगण में श्री महाकालेश्वर एवं वीरभद्र भैरवनाथ का पूजन व झांज, डमरू वादन कर आरती की जाएगी। पूजन में मंदिर प्रबंध समिति के अध्यक्ष एवं कलेक्टर सहित आमंत्रित अतिथियों के द्वारा ध्वज पूजन किया जाएगा। इसके पश्चात ध्वजाओं को मंदिर के कोटितीर्थ कुंड के आसपास एवं मंदिर प्रांगण में प्राचीन काल से जलने वाली होलिका के आसपास घुमाकर पुन: सभामंडप में लाकर समापन करेंगे। पूजन के दौरान समस्त पुजारी, पुरोहित मास्क लगाकर रहेंगे तथा सोशल डिस्टेंसिंग का आवश्यक रूप से पालन करेंगे।