स्वच्छता, मेंटेनेंस, विकास कार्य, शासकिय योजना हुई मनावर में ठप

मनावर।। नगर पालिका परिषद मनावर आए दिन अपने कार्यशैली को लेकर विवादों में घिरी रहती है। आज भी नगरपालिका नई परिषद मिलने के 2 माह बाद भी यथावत स्थिति बनी हुई है। जिसका प्रमुख कारण मनावर नपा मुख्य अधिकारी प्रदिप शर्मा की मनमानियां हैं। नगर में जगह-जगह गंदगी का अंबार लगा हुआ है। मेंटेनेंस के कार्य भी पूर्ण रूप से ठप हो गए हैं। कहने को तो मनावर नगर पालीका के करोड़ों रूपये का फंड है। और फंड हो भी क्यों ना जब कोई विकास कार्य ही नहीं होंगे। तो नपा में पैसा जाएगा ही कहां। प्रधान मंत्री आवास योजना में भी मनावर एक मात्र एसा नगर है। जहां लोगो  ने उम्मिद लगाना ही छोड़ दिया है।कि उन्हे अनुदान रशी मिलेगी।

नगर पालिका का एक अधिकारी हो रहा पूरे नगर पर भारी

नगर में तो रोज होने वाली सफाई तक ठीक से होना बंद हो गई है। सड़क के किनारे की बात छोड़ो सड़क के बिचो बिच धूल की मोटी मोटी पढ़ते जम चुकी है। आए दिन सड़क पर पशुओं के कारण हादसे हो रहे है। वहीं कई गौ वंश कचरा और पाॅलिथिन खाती देखी गई है। नगर में खुले घूम रहे पशुओं की रोकथाम के लिए कोई कार्यवाही नहीं हो रही। नई परिषद के कार्यकाल में कहने को समाधान शिविर का आयोजन तो हुआ था, परंतु उसके उपरांत कोई भी कार्य मूर्त रूप नहीं ले पाया है। अभी भी परिषद का यही कहना है कि मनावर नगर पालिका मुख्य अधिकारी प्रदिप शर्मा ही किसी कार्य को होने नहीं दे रहें हैं। वहीं आत जनता का कहना है। कि अगर आप अधिकारी से काम नहीं करवा सकते हैं। तो वोट देने का क्या फायदा। सभी पाषर्द अपना अपना त्याग पत्र दे कर नगर पालिका सीएमओ प्रदिप शर्मा को ही सौंप देें। नगर पालिका क्षेत्र में मुख्य अधिकारी स्वयं पूरे नगर का भ्रमण करके कार्यों की समीक्षा करते हैं। परंतु यहां के नगरपालिका मुख्य अधिकारी बंद कमरे में बैठकर केवल समय व्यतीत कर रहें हैं। प्रदीप शर्मा जब से नगरपालिका मुख्य अधिकारी की कुर्सी पर आकर जम गए हैं। तब से नगर में विकास तो दूर स्वच्छता और दैनिक कार्यों की भी स्थिति बद से बदतर हो गई है। हर साल मार्च में ही पानी के प्याउ नगर पालिका के द्वारा तैयार करवा दिये जाते थे। परंतु जब से यह महानुभाव अधिकारी मनावर नगर पालिका को मिले हैं। पानी का एक मटका भी नहीं बदला गया है। नगर में निर्माण कार्य और अन्य नगरपालिका संबंधित सुविधाओं की बात दूर अन्य मुलभूत कार्यों का होना भी अब असंभव होने लगा है।

रिपोर्ट कौशिक पंडित

Author: Dainik Awantika