बागेश्वर धाम सरकार के कान में आखिर किसने मारी फूंक..? नई पार्टी बनाने वाले बीजेपी विधायक नारायण त्रिपाठी ने 4 माह पहले लिया था समय , अचानक मैहर में पं. धीरेंद्र शास्त्री की कथा कैंसिल
भोपाल। मध्य प्रदेश के राजनीतिक गलियारे में और खासकर विंध्य क्षेत्र में यह सवाल तेजी से उठ रहा है कि बागेश्वर धाम के पंडित धीरेंद्र शास्त्री के कान में आखिर किसने फूंक मारी कि उन्होंने भाजपा से अलग पार्टी बनाने वाले विधायक नारायण त्रिपाठी को कथा करने से इंकार कर दिया। मध्यप्रदेश में इन दिनों ‘कथा पॉलिटिक्स’ चल रही है। टिकट पाने से लेकर वोटर्स को जोड़ने के लिए नेता कथाओं का सहारा ले रहे हैं। बड़े कथावाचकों की कथाएं कराई जा रही है। सतना जिले के मैहर में 3 मई से 7 मई तक होने वाली पंडित धीरेंद्र शास्त्री की कथा कैंसिल हो गई है। कथा का आयोजन भाजपा विधायक नारायण ने किया था। वहीं पंडित प्रदीप मिश्रा ने अब तक छिंदवाड़ा में कथा के लिए कमलनाथ को समय नहीं दिया है। नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविन्द सिंह ने बागेश्वर धाम के कथावाचक धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री को भाजपा का प्रचारक बताया है।
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ कह चुके हैं कि कथावाचकों को लेकर विरोधाभासी बयानबाजी नहीं की जाए। कमलनाथ खुद पंडित प्रदीप मिश्रा और बागेश्वर धाम के कथावाचक धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री से मिल चुके हैं। उनकी नसीहत के बावजूद कांग्रेस के नेताओं की बयानबाजी नहीं रुक रही है।
मैहर में पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की कथा निरस्त
सतना जिले की मैहर सीट से भाजपा विधायक नारायण त्रिपाठी ने दो दिन पहले 11 अप्रैल को नई पार्टी बनाकर विंध्य की 30 सीटों पर चुनाव लड़ने का ऐलान किया है। वे मैहर में बागेश्वर धाम के कथावाचक पंडित धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री की कथा कराने वाले थे। बुधवार को अचानक कार्यक्रम कैंसिल कर दिया गया। इसके बाद कई तरह की चर्चाएं शुरू हो गई हैं। खुद भाजपा विधायक नारायण त्रिपाठी ने वीडियो जारी कर कथा कैंसिल होने की जानकारी दी।
विधायक त्रिपाठी ने जारी किया वीडियो
पंडित धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री की कथा कैंसिल होने के बाद नारायण त्रिपाठी ने वीडियो जारी किया। उन्होंने कहा कि 3 से 7 मई तक के लिए बागेश्वर धाम के महाराज धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की कथा तय थी। 15 अप्रैल को टेंट लगाने का भूमि पूजन रखा गया था। किन्हीं कारणों से यह कथा स्थगित हो गई है, लेकिन विश्वास दिलाते हैं कि मैहर में बागेश्वर धाम के बाबा की कथा अवश्य होगी, इसलिए 15 अप्रैल की शाम 5 बजे जिस जगह पर कथा होने वाली थी, वहां हनुमान चालीसा का पाठ किया जाएगा।
नारायण त्रिपाठी चार महीने पहले धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री से मैहर में कथा के लिए समय ले चुके थे। कथा के लिए तैयारियां भी चल रही थीं। विशाल टेंट और तमाम इंतजाम के बाद मंगलवार को विधायक नारायण त्रिपाठी मैहर से विदिशा जाकर पंडित धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री से मिले। यहां धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री ने कथा करने से मना कर दिया। सूत्रों की मानें तो धीरेन्द्र शास्त्री ने नारायण त्रिपाठी से कह दिया है कि वे विधानसभा चुनाव तक कथा नहीं कर पाएंगे।
कांग्रेस का सवाल, धीरेंद्र शास्त्री के कान में किसने फूंक मारी
मैहर में कथा कैंसिल होने को लेकर कांग्रेस मीडिया विभाग के अध्यक्ष केके मिश्रा ने कहा- बागेश्वर धाम ने हां करने के बाद ना क्यों किया है? उनके कान में किसने फूंक मारी है? ये नारायण त्रिपाठी, धीरेन्द्र कृष्ण और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह बता सकते हैं।
BJP को VJP बनाकर देंगे चुनौती
नारायण त्रिपाठी के नई पार्टी के इस ऐलान से सतना ही नहीं प्रदेश भर में सियासी गरमाहट बढ़ गई है। पिछली बार विंध्य की 30 सीटों में से 27 सीटों पर भाजपा को जीत हासिल हुई थी। अब अगर इस बार नारायण की वीजेपी चुनाव मैदान में उतरी तो इसका सीधा असर बीजेपी के वोटों और रीवा – सतना, सीधी, सिंगरौली, शहडोल, अनूपपुर और उमरिया जिले में भाजपा के कब्जे वाली सीटों पर पड़ने से इनकार नहीं किया जा सकता।
नारायण ने कहा कि उनकी पार्टी विंध्य जनता पार्टी (VJP) का रजिस्ट्रेशन हो गया है, 15 अप्रैल तक पंजीयन आ जाएगा। इस बार वीजेपी प्रत्याशी भी बीजेपी – कांग्रेस के मुकाबले मैदान में होंगे।