पंचक्रोशी यात्रा 118 किमी. की, 90 किमी. से आगे बढ़े श्रद्धालु
उज्जैन। आस्था की 118 किलोमीटर पंचक्रोशी यात्रा में शामिल श्रद्धालुओं ने सोमवार शाम तक 90 किलोमीटर की यात्रा पूरी कर ली थी। कुछ श्रद्धालाओं ने आगे की यात्रा भी शुरू कर दी थी। 2 दिन पहले यात्रा की शुरूआत करने वाले आज शाम से नगर प्रवेश शुरू कर सकते हैं।
वैशाख मास की कृष्ण पक्ष दशमी 15 अप्रैल से 2 दिन पहले शुरू हुई पंचक्रोशी यात्रा अब लगभग पूरी होने को है। सोमवार को यात्रा में शामिल श्रद्धालु लगभग 90 किलोमीटर का सफर पूरा कर कालियादेह महल उपपड़ाव तक पहुंच गये थे। जहां स्नान के बाद आगे की यात्रा शुरू करते हुए 7 किलोमीटर दूर बने दूसरे उपपड़ाव जैथल स्थित दुर्देश्वर महादेव तक रात्रि में पहले जत्थे में शामिल यात्री पहुंच चुके थे। आज पिंगलेश्वर उपपड़ाव और उसके बाद क्षिप्राघाट कर्कराज मंदिर तक की यात्रा आज पूरी हो सकती है। संभावना है कि आज शाम से पहले जत्थे में शामिल श्रद्धाल नगर प्रवेश कर नागचंदे्रश्वर मंदिर तक पहुंचने लगेगें। यात्रा का समापन 19 अप्रैल को होगा। 15 अप्रैल से यात्रा शुरू करने वाले बुधवार को नगर प्रवेश करेगें। उसके बाद अष्ट तीर्थ यात्रा होगी। पंचक्रोशी यात्रा में बच्चे, बुर्जुग, महिला और युवा भी शामिल है। जो लगातार भीषण गर्मी में पैदल यात्रा को पूरा करने में लगे है। यात्रा में शामिल श्रद्धालुओं का कहना था कि इतनी गर्मी में भी उन्हे भगवान नागचंद्रेश्वर से मिले बल की शक्ति आगे लेकर जा रही है। सब बाबा महाकाल की कृपा है। कई श्रद्धालु ऐसे भी थे, जिनका कहना था कि पांचवीं बार यात्रा कर रहे है। आगे भी पंचक्रोशी में आते रहेगें। आस्था से भरी यात्रा के बारे में पंडित राजेश गुरु ने बताया कि यात्रा की शुरूआत नागचंद्रेश्वर मंदिर से होती है। मान्यता है कि यहां नारियल अर्पित करने से यात्रियों को चलने के लिये घोड़े जैसा बल मिलता है। उज्जैन में 33 कोटि देवी-देवताओं का वास है। मनुष्य के जीवन में संभव नहीं है कि वह सभी दर्शन कर सके। इसी नगरी की परिक्रमा करने से सभी देवी-देवताओं का आशीर्वाद मिल जाता है। भीषण गर्मी में पैदल चलने से विकार भी दूर होते है।