सुप्रीम कोर्ट का फैसला- रिटायरमेंट के दिन कर्मचारी को वेतनमान से वंचित नहीं रख सकते
31 मई को सेवानिवृत्त हुए कर्मचारी को भी मिलेगा 1 जून को लागू हुए वेतनमान का लाभ
इंदौर। सुप्रीम कोर्ट ने सरकारी कर्मचारी के मामले में महत्वपूर्ण फैसला दिया है। प्रदेश में सरकारी कर्मचारियों को वेतनवृद्धि दिए जाने के लिए 1 जून की तारीख तय की है। किसी कर्मचारी का नौकरी में 31 मई को आखिरी दिन रहता है तो 1 जून को वेतनमान का लाभ नहीं देती है। सुप्रीम कोर्ट के समक्ष यही मामला सुनवाई के लिए गया था। कई राज्यों की हाई कोर्ट ने सरकार के कदम को सही ठहराया था। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में मध्यप्रदेश हाई कोर्ट के फैसले को सही ठहराते हुए सभी राज्यों को आदेश दिए हैं कि भले ही कर्मचारी महीने के आखिरी दिन रिटायर हो जाए, लेकिन उसे वेतनमान से वंचित नहीं किया जा सकता है।
रिटायरमेंट वाले साल भी कर्मचारी पूरे 365 दिन ड्यूटी पर रहता है। मतलब पूरे साल तो उसने नौकरी की है। महीने के आखिरी दिन भी उसने पूरी ड्यूटी की है। उसे वेतनमान से वंचित नहीं किया जा सकता। हाई कोर्ट ने सरकारी कर्मचारी भेरूलाल के मामले में यह फैसला दिया था। वह 31 मई को रिटायर हो गया था, जबकि वेतनवृद्धि 1 जून से दी जाना थी। हाई कोर्ट ने उसे इसके लिए पात्र ठहराया था। वेतनवृद्धि दिए जाने से कर्मचारी को पेंशन में बहुत फायदा होता है। सरकार ने इस फैसले को भी चुनौती दी थी। कई राज्यों की ओर से भी इस तरह के मामलों में सुप्रीम कोर्ट में अपील की गई थी। शीर्ष अदालत ने मध्यप्रदेश हाई कोर्ट के फैसले को सही मानते हुए वेतनमान का लाभ दिए जाने के आदेश दिए हैं। अधिवक्ता आनंद अग्रवाल के मुताबिक इंदौर खंडपीठ में ही इस तरह के 250 के करीब मामले लंबित हैं।