पंचकोशी यात्रियों का नगर प्रवेश
कई हजार यात्रियों की पंचकोशी यात्रा सकुशल पुरी हो गई है…….
आस्था के पर्व पंचकोशी यात्रा में हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी हजारों यात्रियों ने 118 किलोमीटर की पैदल परिक्रमा को पूरा किया है, 15 अप्रैल को यात्रा में निकलने वाले यात्रियों की आज पांच दिन की यात्रा पूरी हो गई है,जबकि तिथि के अनुसार कई यात्रियों ने 16 अप्रैल को पंचकोशी यात्रा को शुरू किया था वो दूसरे दिन यानी 20 अप्रैल को यात्रा को पूरी कर नगर प्रवेश करेंगे।बुधवार को पंचकोशी यात्रियों का जत्था उज्जैन शहर में पहुँचा ओर यात्रियों ने नागचंद्रेश्वर महादेव के मंदिर पर पहुँच कर बल छोड़कर यात्रा की समाप्ति की है। जिला प्रशासन ने पंचकोशी यात्रा को लेकर तमाम इंतजाम किए थे। यात्रियों ने रुकने के लिए पड़ाव स्थल पर छाव हेतु पंडाल हो या फिर भोजन आदि की व्यवस्था ,सभी इंतजाम समाजसेवी संस्थाओं की मदद से पूरे किए गए। यात्रियों ने पंचकोशी यात्रा को लेकर की गई व्यवस्थाओं की तारीफ की है।
5 दिन से चल रही पंचकोशी यात्रा का समापन पर नागचंद्रेश्वर पर घोड़ा चढ़ाकर बल वापस किया गया। साथ ही श्रद्धालु अमावस्या पर्व होने के कारण शिप्रा नदी पर स्नान कर घर लौट। उज्जैन में 5 दिनों से चल रही धार्मिक यात्रा पंचकोशी का अमावस को समापन हुआ है।बड़ी संख्या में श्रद्धालु यात्रा को पूर्ण कर उज्जैन पहुंच गए हैं श्रद्धालुओं ने नागचंद्रेश्वर भगवान से बल लेकर यह यात्रा प्रारंभ की थी जो कि अब मान्यता के अनुसार भगवान नागचंद्रेश्वर मंदिर पर घोड़ा चढ़ाकर भगवान को बल पुणे लौटा कर यात्रा का समापन किया है जिसके बाद यात्री शिप्रा नदी के रामघाट पहुंचे और आस्था की डुबकी लगाई मान्यता के अनुसार आज के दिन शिप्रा नदी में स्नान करने से सभी पापों से मुक्ति मिल जाती है आपको बता दें कि यात्रा के दौरान समाजसेवियों ने यात्रियों की सेवा में दिलों जान लगा दी कोई पानी पिलाता हुआ मजा आया कोई नाश्ता कराता हुआ तो कोई दवाई वितरण करते हुए नजर आए सफलतापूर्वक 5 दिन की पंचकोशी यात्रा का कल विधिवत रूप से समापन हो जाएगा।