फर्जी चेक बनाकर लाखों का गबन, एलआईसी के बाबू को 8 वर्ष कठोर कारावास
इंदौर। फर्जी चेक बनाकर लाखों रुपये का गबन करने वाले भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) के उच्च श्रेणी सहायक को जिला न्यायालय ने आठ वर्ष कठोर कारावास की सजा सुनाई।
आरोपी एलआईसी के आय-व्यय खाता विभाग में पदस्थ था। वह आय एवं व्यय खाते के चेकों में कांटछांट कर चेक अपने नाम पर बनाकर स्वयं के यूटीआई बैंक के बचत खाते में जमा करवा देता था। इस तरह से उसने 15 लाख रुपये से ज्यादा रकम अपने खाते में जमा कर ली।
आरोपीका नाम यशवंत पुत्र डोंगरू धार्मिक निवासी श्याम नगर इंदौर है। 14 अक्टूबर 2006 को एलआईसी के अधिकारी ने पुलिस में मामले की शिकायत दर्ज कराई थी। इसमें कहा था कि यशवंत धार्मिक ने एलआईसी के आय-व्यय खाते के चेकों में कांटछांट कर उन्हें अपने नाम के बचत खाते में जमा करा लिया है।
गबन का पता उस वक्त चला जब आरोपी द्वारा बचत खाते में चेक जमा कराने के लिए प्रस्तुत करने पर संबंधित बैंक अधिकारी ने एलआईसी के अधिकारी से चेक में कांटछांट को लेकर पूछा। मामले की जांच हुई तो पता चला कि आरोपी कई वर्षों से इस तरह से कांटछांट कर रकम अपने बचत खाते में जमा करा रहा है।
यह रकम 15 लाख रुपये से भी ज्यादा थी। पुलिस ने आरोपी के खिलाफ धारा 420, 467, 468, 471 के तहत प्रकरण दर्ज कर उसे गिरफ्तार किया। अभियोजन की तरफ से एजीपी उमेश यादव ने पैरवी की। मंगलवार को सत्र न्यायाधीश कमलेश सनोडिया ने इस मामले में फैसला सुनाते हुए यशवंत को आठ वर्ष कठोर कारावास की सजा सुनाते हुए जेल भेज दिया।