पहली बार निकली दलित की बारात, आगर के गाँव मुल्लुपुरा में कड़ी पुलिस सुरक्षा में दलित दूल्हा चढ़ा घोड़ी, इंदौर से गए दलित नेता मनोज परमार भी रहे मौजूद
इंदौर। आगर जिले की बडौद तहसील के ग्राम मुल्लूपुरा में आज तक दबंगों ने किसी दलित को घोड़ी पर नहीं चढ़ने दिया और न ही बारात निकालने दी ।
परन्तु शनिवार को इस कुप्रथा का अंत हुआ।
गांव में राजेश मालवीय पिता रामचंद्र मालवीय की बारात का जुलूस निकालना था । लेकिन तथाकथित लोग जो अपने आप को जन्म से श्रेष्ठ मानते हैं । उन्होंने गाँव में पंचायत बुलाई और फरमान सुनाया की दलित दूल्हे की बारात गांव में निकाली तो अंजाम ठीक नही होगा ।
फरमान से भयभीत दूल्हे के पिता रामचंद्र मालवीय ने अखिल भारतीय बलाई महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष मनोज परमार से मदद मांगी । परमार ने तत्काल आगर पुलिस प्रशासन और संघ के वरिष्ठ नेताओं को घटना से अवगत कराया ।
एसडीओपी मोनिका सिंह एसडीएम सत्येंद्र बैरवा और बडौद थाना प्रभारी डीआरएस चौहान की मौजूदगी में राजेश मालवीय की बारात निकालने के पूर्व गाँव में प्रशासन ने भारी संख्या में पुलिस सुरक्षा बल तैनात कर दिया ।
दलित नेता मनोज परमार के नेतृत्व में भारी पुलिस सुरक्षा के बिच मुल्लूपुरा में दलित की बारात निकली ! परन्तु दबंगों ने गांव में स्थित राम मंदिर में ताले जड़ दिए, ताकि कोई दलित दूल्हा मन्दिर में प्रवेश नहीं कर पाए।
रामचंद्र का बेटा राम के दर्शन नहीं कर पाया
इस बार परमार ने भी मंदिर प्रवेश की जिद नहीं की। परमार ने कहा कि इस बार यहां पर बारात निकाल कर भेदभाव की पहली कड़ीं तोड़ दी है। अगली बार राम मंदिर में प्रवेश करा कर इस कुप्रथा को भी खत्म करेंगे।
इस अवसर पर मुख्य रूप से कैलाश मालवीय ईश्वर मालवीय, मोहनलाल मालवीय, नारायण सोनगरा, मुकेश मालवीय, श्यामलाल भनोटी, श्यामला झलारा, राधेश्याम मालवीय,विक्रम मालवीय, रमेश मालवीय, श्याम मालवीय, ओमप्रकाश, नागु मालवीय, संतोष मालवीय, महेश मालवीय, राधे पंवार, संतोष मालवीय, विशाल सिरवेया, लखन देपाले, पवन चौहान, अंकित हिरवे, ऋषित मालवीय, प्रशांत चौहान, समर्थ सुनेल, सौरभ कुवाल सहित सैकड़ों की संख्या में पदाधिकारी और समाजजन मौजूद थे।