कर विशेषज्ञ ने बताए टिप्स- राजनीतिक दलों को फर्जी दान पर भी देनी होगी आयकर विभाग को जानकारी
इंदौर। विगत दिनों में आयकर विभाग ने फर्जी दान से संबंधित मामलों में राजनीतिक दलों को धारा 148 के अंतर्गत नोटिस दिए थे। इसे लेकर नोटिस और ट्रस्ट द्वारा भरे जाने वाले फॉर्म के विषयों पर इंदौर सीए ब्रांच ने शनिवार को सेमिनार का आयोजन किया।
सीए शाखा इंदौर के चेयरमैन सीए मौसम राठी ने स्वागत उद्बोधन में कहा कि प्रावधान में परिवर्तन के अनुसार सभी पूर्व पंजीकृत चैरिटेबल ट्रस्ट को पुन: पंजीकरण कराना अनिवार्य था। ऐसे में जिन्होंने इस प्रावधान का पालन नहीं किया, उन्हें नोटिस आना शुरू हो चुके हैं। पिछले वर्षों में कुछ करदाताओं ने फर्जी दान पॉलिटिकल पार्टी को देना बताकर अपने करों में कमी करवाई थी, उन पर विभागीय शिकंजा कस चुका है। ऐसे सभी मामलों में सख्त कार्रवाई हो सकती है।
समय से व बिना अप्रूवल नोटिस नहीं दिया तो अमान्य होगा
सीए आशीष गोयल ने बताया, धारा 148 के नोटिस की बारीकी से जांच करें। देखा गया है कि नोटिस देने से पहले अप्रूवल नहीं लिया जाता या लेट लिया गया होता है। ऐसे में नोटिस को कोर्ट ने इनवेलिड माना है। नोटिस टाइम लिमिट में नहीं दिया तो इनवेलिड ही माना जाएगा।
स्कूल-कॉलेज फीस के अलावा लिए शुल्क का भी रखें हिसाब
सीए भगवान अग्रवाल ने ट्रस्ट संबंधी मामलों पर कहा, धारा 11(4) के तहत आयकर रिटर्न भरते समय यह जानकारी देना होगी कि उन्होंने स्कूल, कालेज की फीस के अतिरिक्त बस फीस, मेस चार्जेस, होस्टल फीस या मील चार्जेस भी दिया है। इसका अलग हिसाब रखें, क्योंकि स्कूल, कालेज को भी इस तरह की वसूली का हिसाब अलग रखना होता है।
वहीं, ट्रस्ट या संस्थाओं ने समय पर आयकर रिटर्न या ऑडिट रिपोर्ट दाखिल नहीं की तो लेट रिटर्न दाखिल करने के कारण उन्हें खर्चों की कटौती नहीं मिलेगी। उनकी कुल प्राप्ति को आय मान लिया जाएगा फिर उस पर अधिकतम दर से आयकर देना होगा।