श्याम बंसल अपनी छवि सुधारेंगे या उज्जैन विकास प्राधिकरण की..? यूडीए अध्यक्ष पद पर मनोनयन से किसी बड़े सौदेबाजी की बदबू
उज्जैन। चुनावी वर्ष में ऐन मौके पर उज्जैन विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष पद पर शिवराज सरकार द्वारा श्याम बंसल को नियुक्ति दी गई है। बंसल ने कार्यभार ग्रहण भी कर लिया है। लोगों
की जिज्ञासा का विषय यह है कि जाहिर तौर पर मुख्यमंत्री ने श्याम बंसल को इसीलिए मनोनीत किया है ताकि वह विकास प्राधिकरण की बिगड़ी हुई छवि को सुधार सकें और इसका लाभ कुछ ही महीनों में होने वाले विधानसभा चुनाव में मिल सके। सवाल यह भी है कि जिसकी अपनी ही छवि दागदार हो, वह भला प्राधिकरण की छवि कैसे सुधारेंगे ? अब यह श्याम बंसल की ही जिम्मेदारी बन जाती है कि वह पहले अपनी छवि सुधारेंगे या प्राधिकरण की ? श्याम बंसल उज्जैन शहर के भी नहीं हैं। श्याम बंसल ग्रामीण क्षेत्र से है और वे उज्जैन जिला भाजपा अध्यक्ष रहे हैं। उनकी छवि बेईमानी और भ्रष्टाचार के इर्द-गिर्द घूमती नजर आती है।
घोटाले का दाग
प्याज नीलामी में घोटाला, जिला अध्यक्ष पद पर रहते हुए टिकट बेचने, पैसा लेकर आपराधिक छवि वाले नेताओं की नियुक्तियां करवाने जैसे आरोप उनके माथे पर चस्पा हैं। लोग सवाल पूछ रहे हैं कि क्या मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को श्याम बंसल जैसा दागदार चेहरा ही उज्जैन विकास प्राधिकरण के लिए मिला था, जो प्राधिकरण का विकास तो क्या कर पाएगा, इसके जरिए भ्रष्टाचार का विकास जरूर हो सकता है। उज्जैन में राजनीतिक रसूख बढ़ाने के लिए किया गया मनोनयन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को भारी पड़ सकता है। ऐसा इसलिए भी क्योंकि श्याम बंसल का राजनीतिक रौब तथा पकड़ जीरो है। बताया जाता है कि श्याम बंसल जब उज्जैन जिला अध्यक्ष पद पर थे, तब तराना में उन्हीं के वार्ड से भाजपा उम्मीदवार चुनाव हार गया था। श्याम बंसल के भाजपा जिला अध्यक्ष रहते पार्टी तराना जनपद और तराना नगर परिषद के साथ ही माकड़ोन नगर परिषद का चुनाव भी हार गई थी। भाजपा समर्थित कई सरपंच भी चुनाव में पराजित हो गए थे। यह बात भी किसी से छुपी हुई नहीं है कि जिला पंचायत चुनाव में भाजपा का बहुमत होने के बाद भी कांग्रेस के महेश परमार से कथित तौर पर गुप्त सौदा कर लिया था। भाजपा के 2 वोट कांग्रेस के पास चले गए थे और कांग्रेस का जिला पंचायत अध्यक्ष बनवा दिया गया था। श्याम बंसल पर पैसे के लेनदेन और सौदेबाजी के आरोप कई बार लग चुके हैं। जिलाध्यक्ष पद पर रहते हुए ऐसे ही लेनदेन का आरोप तब भी लगा था, जब सामूहिक बलात्कार के एक आरोपी रितेश चांदीवाला को युवा मोर्चा का जिला महामंत्री बना दिया गया था। इसके बावजूद भी अगर मुख्यमंत्री के पास उज्जैन विकास प्राधिकरण के लिए श्याम बंसल का नाम पहुंचा तो यह आश्चर्यजनक है। श्याम बंसल अपनी ही छवि नहीं सुधार पाए हैं, तो विकास प्राधिकरण के लिए क्या कुछ कर पाएंगे ! भ्रष्टाचार होने की आशंका जरूर बढ़ गई है। वैसे भी दबी जुबान से यह बात भी चर्चा में है कि श्याम बंसल को उज्जैन विकास प्राधिकरण अध्यक्ष बनाने में किसी सौदेबाजी की बदबू आ रही है।