संगीन अपराध होगा अवैध शराब का धंधा
… पर संरक्षण देने वाले नेताओं की नाक में कब कसेगी नकेल..? ऐसा नहीं किया तो आए दिन होते रहेंगे शराब कांड
ब्रह्मास्त्र इंदौर। मंदसौर में जहरीली शराब से मौत के बाद मुद्दा गर्मा गया है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में मंत्रालय में अवैध शराब की रोकथाम के संबंध में बैठक आयोजित हुई। बैठक में सीएम ने जहरीली शराब बनाने और बेचने को संगीन अपराध की श्रेणी में रखने और कठोरतम दंड की व्यवस्था करने के निर्देश दिए । यह सब तो ठीक है लेकिन लोगों का मानना है कि जब तक सत्ता से जुड़े लोग जहरीली, कच्ची और सस्ती शराब के सौदागरों को संरक्षण देते रहेंगे, तब तक कानून में चाहे कितनी भी सख्ती दर्शा लो, लेकिन जहरीली शराब से मरने वाले और प्रभावित होने वालों जैसे कांड होते रहेंगे। उज्जैन में जहरीली झिंझर शराब से 14 से अधिक लोगों की मौत हो गई थी। उसके बावजूद फौरी तौर पर तो खूब कार्यवाही की गई, लेकिन बाद में फिर वही हालात बनने लगे। उज्जैन पुलिस ने कितनी ही बार कच्ची शराब पकड़ी, लेकिन यह शराब कहां बन रही है और कौन बना रहा है? यह जहरीली शराब कहां से आ रही है? इस पर कभी गहराई से जांच नहीं की गई। यह हाल अकेले उज्जैन का ही नहीं बल्कि पूरे प्रदेश का है। दरअसल 5 लीटर, 10 लीटर शराब बेचने वाले को पकड़कर तो अंदर कर दिया जाता है , लेकिन सरगना तक हाथ नहीं पहुंच पाता, क्योंकि उसे कहीं न कहीं नेताओं का संरक्षण होता है। उज्जैन, मुरैना, भिंड, ग्वालियर में तो बड़े-बड़े कांड हो चुके हैं। अब आबकारी मंत्री के क्षेत्र में ही शराब कांड हो गया और 6 लोगों की मौत हो गई। यदि वाकई मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को अवैध शराब के खिलाफ अभियान चलाना है तो पहले नेताओं की नाक में नकेल कसनी पड़ेगी
बैठक में कहा गया कि प्रदेशभर में अवैध शराब के खिलाफ तत्काल प्रभाव से अभियान शुरू किया जाए। वहीं अवैध शराब के उत्पादन, व्यापार पर नियंत्रण के उपायों पर कार्ययोजना बनाए जाने के निर्देश दिए गए। इसी के साथ प्रदेश में राज्य औद्योगिक सुरक्षा बल का उपयोग अवैध शराब के व्यवसाय को रोकने के लिए किया जाए। इस संबंध में भी विचार किया गया। सीएम शिवराज ने कहा कि मंदसौर के ग्राम खकरई में हुई घटना के दोषियों को किसी हालत में बख्शा नहीं जाएगा।
बता दें कि इससे पहले मुख्यमंत्री ने इस मामले की जांच के लिए गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव राजेश राजौरा की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय जांच दल गठित कर दिया है। राज्य सरकार ने इस मामले को गंभीरता से लिया है और घटना के समग्र पहलुओं की जांच के लिए विशेष जांच दल बनाया गया है। मध्यप्रदेश के अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह राजेश राजौरा इस मामले में जांच दल के अध्यक्ष होंगे और दो अन्य आईपीएस एडीजी पुलिस सतर्कता जीपी सिंह और एम एस सिकरवार आईजी रेल भोपाल इसके सदस्य होंगे। जांच दल घटना के समग्र पहलुओं की जांच करके अपनी जांच राज्य सरकार को सौंपेगा जिसके बाद में कार्रवाई की जाएगी।