लगातार छप रही खबर का असर- विद्युत मंडल उज्जैन के बड़े भ्रष्ट अधिकारी ने शोकॉज नोटिस की कार्रवाई आगे बढ़ाई
उज्जैन में मंथन बैठक
उज्जैन। विद्युत मंडल की प्रतिवर्ष होने वाली मंथन बैठक आज दिन भर चलने वाली है। इसी बीच विद्युत मंडल उज्जैन के एक बड़े भ्रष्ट अधिकारी के बारे में लगातार खबरें प्रकाशित होने के बाद खबर का असर नजर आने लगा है। दैनिक ब्रह्मास्त्र ने इस भ्रष्ट अफसर की करतूतों का लगातार खुलासा किया है। अवैध वसूली यानी लेनदेन के लिए अपने ही मातहत अधिकारियों और कर्मचारियों को मामूली सी चूक या बेवजह दिए गए शोकॉज नोटिस की कार्रवाई को फिलहाल टालते हुए आगे बढ़ा दिया गया है।
अपनी गर्दन बचाने की कोशिश!
भ्रष्टाचार की करतूतों का खुलासा होने के बाद अब बताया जाता है कि यह भ्रष्ट अधिकारी अपनी गर्दन बचाने की कोशिश में लग गया है। मातहत अफसरों और कर्मचारियों को दिए गए शोकॉज नोटिस की कार्रवाई को आगे बढ़ाने के पीछे समझा जाता है कि या तो इसे सामान्य रूप देने की कोशिश की जाएगी, यानी इसे सामान्य कार्यवाही बता दिया जाएगा या फिर नोटिस का जवाब न देने या संतोषजनक जवाब नहीं होने जैसा बता कर कार्रवाई का शिकंजा और भी कसा जा सकता है। विभागीय सूत्रों का ही मानना है कि मीडिया में भ्रष्टाचार उजागर होने के बाद अब अवैध वसूली जैसी करतूतों के मामले को दबाने की पुरजोर कोशिश की जाएगी। दरअसल, जब बड़े भ्रष्ट अधिकारी के इशारे पर मातहत अधिकारियों और कर्मचारियों को शोकॉज नोटिस जारी होने लगे तो पहले विभाग को यह समझ में ही नहीं आया कि ऐसी कौन सी बड़ी गलती या लापरवाही हो गई , जिसके कारण शोकॉज नोटिस जैसा कड़ा कदम उठाना गया। मामूली छोटी चूक तो सामान्य बात है, लेकिन जब इशारे ही इशारे में यह बात चली कि लेनदेन करके शोकॉज नोटिस जैसी कार्रवाई से बचा जा सकता है, तो यह स्पष्ट हो गया कि शोकॉज नोटिस अपने ही विभाग के अपने ही लोगों से अवैध वसूली का एक तरीका है।
विद्युत विभाग में अंदर ही अंदर आक्रोश
इसके बाद विभाग में अंदर ही अंदर आक्रोश फैल गया। दबी जुबां से भ्रष्ट अफसर के प्रति तरह-तरह की चर्चाएं होने लगीं। बड़े भ्रष्ट साहब के इशारों पर मिलने वाले शोकॉज नोटिस और स्टेनो तथा अन्य माध्यम से लेनदेन के इशारे जैसे मामले में विभाग सतर्क हो गया। बहरहाल, देखना यह है कि आगे क्या होता है।