महाकाल मंदिर में जलसंकट, पानी को लेकर परेशान हो रहे आम श्रद्धालु
– लाइन फूटने से समस्या, बोरवेल व टैंकरों से कर रहे पूर्ति
ब्रह्मास्त्र उज्जैन। रिमझिम बारिश की शुरुआत होने से लोगों को गरमी से तो राहत मिली पर यह बारिश दूसरी तरफ से आफत लेकर भी आई। क्योंकि अंबोदिया स्थित गंभीर प्लांट से
इससे न केवल शहर के विभिन्न इलाकों में बल्कि महाकाल मंदिर में भी जलसंकट व्याप्त हो गया। इसी लाइन से मंदिर में जलसप्लाई किया जाता है। लाइन ठीक करने का प्रयास जारी है पर जब तक यह ठीक नहीं हो जाती मंदिर में श्रावण मास जैसे पर्व के दौरान ही पीने के पानी की बड़ी समस्या खड़ी हो गई है। क्योंकि मंदिर में अभी रोजाना हजारों लोग दर्शन करने उमड़ रहे हैं। जिनके लिए पेयजल उपलब्ध रखना भी जरूरी है। इसके अलावा मंदिर समिति के अधिकारी, कर्मचारी, सुरक्षा गार्ड, पंडे, पुजारी व और भी स्टॉफ है जिसे पानी लगता है। वर्तमान में समिति के लोग बोरवेल से पानी सप्लाई कर रहे हैं तो कुछ टैंकर मंगवा कर पूर्ति की जा रही है। इस तरह जैसे-तैसे पानी की व्यवस्था की जा रही है।
मंदिर में लगता है रोज 3 लाख लीटर पानी, शुद्ध के लिए आरओ प्लांट लगा
मंदिर में पीने के अलावा परिसर को धोने के लिए भी रोजाना बड़ी मात्रा में पानी खर्च होता है। फिलहाल तो धुलाई के लिए कोटितीर्थ कुंड के पानी का उपयो
पीने से लेकर परिसर की धुलाई के लिए कोटितीर्थ कुंड का पानी
मंदिर प्रबंध समिति अधिकारियों ने बताया कि शिप्रा तट स्थित छोटी रपट की लाइन लीकेज होने के