कचरा गाड़ियों के साथी हड़ताल पर, तीन महीने से नहीं मिला वेतन

नागरिकों को आगाह करने वाले कचरा गाडी साथी हड़ताल पर….. 

उज्जैन   शहर में आज कचरा गाडियां तो सड़को पर दिखीं, मगर इनके साथ चलने वाले कर्मचारी नहीं दिखे।ये वही कर्मचारी हैं जो गाड़ियों के इर्दगिर्द गणवेश में चलते थे।इनका काम कचरा डालने वाले नागरिकों को आगाह करना होता था कि सूखा कचरा और गीला कचरा अलग -अलग डालें। इनके साथ का ही कोई एक कर्मचारी गाड़ी में कचरे को व्यवस्थित भी करता था।गौरतलब है कि इन कर्मचारियों में ज्यादातर कम उम्र के युवक युवती ही होते थे।जो बड़े उत्साहकपूर्वक अपने काम को अंजाम देते थे।

गलियों में घूम रही कचरा गाडीया अकेली……. 

आज जब इन कर्मचारियों को गाड़ी के आसपास नहीं देखा तो वाहन चालक से बात करने पर ज्ञात हुआ कि ये कर्मचारी हड़ताल पर चले गए।हड़ताल की वजह यह है कि ठेकेदार के द्वारा नियुक्त इन कर्मचारियो को पिछले तीन महीने से वेतन ही नहीं मिला। उल्लेखनीय है कि एक गाड़ी के साथ चार कर्मचारी चलते हैं ,शहर में डेढ़ सौ कचरा गाडियां चल रहीं हैं।इस तरह छः सौ कर्मचारी वेतन के लिए इंतजार कर रहे हैं।

कचरे को लेकर व्यवस्था बिगड़ने की बनी आशंका….. 

अगर यह कर्मचारी लंबे समय तक हड़ताल पर रहे तो बेशक शहर में कचरे को लेकर अव्यवस्था फैल जाएगी।ऐसे में यह जरूरी है की संबंधित आला अफसर मामले में दखल देकर ठेकेदार से कर्मचारियों को वेतन दिलवाएं।इतना ही नहीं उसे भविष्य के लिए हिदायत भी दें की कर्मचारियों को निर्धारित तारीख पर उनका वेतन भुगतान करे।यह बात जाहिर है कि कचरा गाड़ियों के साथ चलने वाले ये कर्मचारी अपनी जायज मांग के लिए हड़ताल पर गए हैं।वेतन उनका हक है जो उन्हें अविलंब मिलना चाहिए।