प्रदेश के 10000 डॉक्टरों ने काली पट्टी बांधी, हर 4 साल में चाहिए प्रमोशन
मांग नहीं मानी तो तीन मई से शासकीय सेवाओं को बंद करने की चेतावनी
उज्जैन/इंदौर। अपनी विभिन्न मांगों को लेकर बुधवार से प्रदेशभर में करीब 10 हजार डाक्टर काली पट्टी बांधकर सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। साथ ही उन्होंने चेतावनी भी दी है कि दो मई तक मांगे नहीं मानी गई तो डाक्टर हड़ताल पर चले जाएंगे। मप्र राज्य शासकीय/स्वशासी चिकित्सक महासंघ के बैनर तले विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है। मंगलवार को आंदोलन की रुपरेखा तय करने के लिए इंदौर के एमजीएम कालेज स्थित पीसीएम हाल में कालेज के डॉक्टर और विद्यार्थियों की बैठक रखी गई, जिसमें यह तय हुआ कि सभी काली पट्टी बांधकर काम करेंगे।
अध्यक्ष अरविंद घनघोरिया ने बताया कि हमारी मांग है कि केंद्र सरकार की डीएसीपी (डायनामिक एश्योर्ड करियर प्रोग्रेशन) के तहत हर चार साल में शासकीय डाक्टरों का प्रमोशन होता है। इस योजना का लाभ देश के सभी प्रदेश के डाक्टरों को मिल रहा है, लेकिन मध्य प्रदेश के डॉक्टर अभी भी वंचित है। डीएसीपी प्रदेश में भी लागू की जाना चाहिए। प्रमोशन मिलना शुरू हो जाएगा तो गांवों में भी डाक्टरों की कमी खत्म हो जाएगी। वहीं प्रशासनिक अधिकारियों की दखलंदाजी बंद हो। कुल 32 मांगे हैं, जो हम सरकार को बता चुके हैं।
इसके पूर्व गत 17 फरवरी को सरकारी डॉक्टर ने आंदोलन किया था। इस आंदोलन के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने निराकरण के लिए एक माह तक की समय सीमा दी थी। साथ ही हाई पावर कमेटी भी बनाई थी। हमसे जो रिपोर्ट मांगी गई थी, वह भी दे दी गई है, लेकिन उसपर कोई कार्रवाई नहीं हुई। इसे लेकर प्रदेश के चिकित्सकों में रोष है। सरकार ने जो पुराने वादे किए थे, उन्हें दो माह हो गए हैं। सरकार ने यदि दो मई तक हमारी मांगें नहीं मानी तो तीन मई से हम शासकीय सेवाओं को बंद कर देंगे। बता दें कि डॉक्टरों के हड़ताल पर जाने से शासकीय अस्पतालों में व्यवस्था चरमरा सकती है।