उज्जैन की संयुक्त संचालक टीम ने बागली के सरकारी कॉलेज में पकड़ा पीएफ घोटाला

शासकीय कॉलेज के लेखापाल पर प्रकरण दर्ज, ढाई करोड़ रुपए निजी खाते में किए ट्रांसफर, कॉलेज प्राचार्य पर भी एफआईआर

 

उज्जैन। केंद्रीय जेल उज्जैन में पीएफ घोटाला सामने आने के बाद अब देवास के शासकीय महाविद्यालय बागली में ढाई करोड़ रुपए की पीएफ,टीए, डीए की राशि निकालकर हेरा-फेरी का मामला सामने आया है। कॉलेज में हुई हेराफेरी की शिकायत उज्जैन संयुक्त संचालक, शिक्षा की टीम को मिली थी। जिसके बाद लंबे समय से उज्जैन टीम मामले में गोपनीय तरीके से जांच कर रही थी। पुख्ता सबूत मिलने पर संयुक्त संचालक दल ने कॉलेज आकर जांच की। कई घंटे उन्होंने कॉलेज में गुजारे, और जांच-पड़ताल की तो गड़बड़ी पकड़ में आई। इसके बाद उन्होंने संबंधितों के खिलाफ पुलिस को शिकायती आवेदन दिया। मंगलवार देर रात को बागली पुलिस ने मामले में आरोपियों के खिलाफ विभिन्न धाराओं में प्रकरण दर्ज कर लिया है।

GPF से लाखों रुपए खुद के खाते में डाल लिए

पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार बागली निवासी लेखापाल विजय शंकर त्रिपाठी और हाट पीपल्या निवासी रोहित दुबे ने ढाई करोड़ रुपए का घोटाला किया है। आरोपियों ने यह राशि अपने खाते में डलवाकर खर्च कर दी। लेखापाल त्रिपाठी और रोहित दुबे ने महाविद्यालय में कार्यरत कर्मचारियों के जीपीएफ से लाखों रुपए स्वयं के खाते में डाल रखे हैं। मामले में लापरवाही बरतने पर कॉलेज प्राचार्य को भी आरोपी बनाया है। फिलहाल जांच जारी है।

पीएफ, टीए, डीए की राशि में की हेराफेरी

बागली थाना प्रभारी बीडी बीरा के अनुसार विजय शंकर त्रिपाठी और रोहित दुबे ने वर्ष 2019 से अभी तक महाविद्यालय के कर्मचारियों के पीएफ,टीए, डीए की राशि में हेराफेरी कर अपने निजी खातों में पैसा ट्रांसफर कर लिया। जिसे अब तक उन्होंने खर्च भी कर दिया। यह राशि 2 करोड़ 51 लाख 11 हजार रुपए है। आरोपियों पर फरियादी नेहा पिता योगेंद्र निवासी सिविल लाइन देवास की शिकायत पर थाना बागली में धारा 420, 467, 468, 409,120बी के तहत प्रकरण दर्ज किया गया है।

उज्जैन के सेंट्रल जेल में भी हुआ था पीएफ घोटाला

गौरतलब है कि उज्जैन सेंट्रल जेल में जेल कर्मियों के पीएफ की लाखों रुपए की राशि अकाउंटेंट का काम संभाल रहे जेल प्रहरी और अन्य लोगों ने निकाल लिया था। यह घोटाला पूरे प्रदेश में चर्चा का विषय बना रहा। इस मामले में तत्कालीन जेल अधीक्षक सहित कई अन्य को भी आरोपी बनाया गया। जेल अधीक्षक सहित अन्य आरोपी अभी भी जेल में हैं।