५० लाख के नाले में कर दिए अब तक तीन करोड़ खर्च, फिर तय्यारी टेंडर की , महापोर बोले अभी रुको
वार्ड क्रमांक 47 में करोड़ों रुपए कि लागत से बने नाले का महापौर ने किया निरीक्षण और रुकवाया नाले निर्माण का टेंडर ….अभी इसे होल्ड पर रखो ….
उज्जैन। जोन क्रमांक 6 के अंतर्गत वार्ड क्रमांक 47 में आने वाले अलख धाम से शांति नगर पुलिया तक बना नाला, निर्माण के समय से ही विवादो में है नाले का कई बार टेंडर निकालकर निगम द्वारा निर्माण कराया गया है। लेकिन हर बार यहां नाला निर्माण के कुछ समय बाद ही धस जाता है। ५० लाख के निर्माण कार्य में अब तक इस नाले निर्माण में लगभग तीन करोड़ इस नाले निर्माण में निगम खर्च कर चूका है। फिर भी आज तक यहाँ नाले की दशा जस की तस बनी हुई है। शनिवार को महापौर मुकेश टटवाल ने निगम के अधिकारी के साथ इस नाले का निरीक्षण कर स्थिति को देखा।
यहाँ आपको बता दें कि नगर निगम द्वारा इस नाले के निर्माण में लगभग तीन करोड़ रुपए से अधिक की राशि खर्च की जा चुकी है। फिर नगर निगम द्वारा विगत सितंबर 2021 मैं टेंडर जारी कर लगभग 28 लाख 44 हजार 960 रुपए कि सुकृति निर्माण हेतु दि गई नाले का निर्माण 2015-16 से प्रारंभ हुआ था। अपने निर्माण के समय से ही नाला विवादों में रहा है निगम द्वारा कई बार टेंडर निकाल कर इस नाले का निर्माण किया गया है। लेकिन वर्तमान समय तक नाला पूर्ण नहीं हुआ है और हर बार नाला की दीवार कहीं ना कहीं से टूट जाती है ।
अब नाले के साथ कई और खर्च……महापोर पूछ रहे अब क्या करे ….
अब तो नाले के पास से लगा हुआ सीमेंट कंक्रीट का रोड भी टूटने की कगार पर है। नाले के आसपास के जुड़े मकान भी कहीं ना कहीं इस नाले के कारण दुर्घटनाग्रस्त होने के कगार पर हैं।
पूर्व निगमायुक्त अंशुल गुप्ता ने इस पर संज्ञान लेते हुए कार्रवाई की थी लेकिन उस पर कार्रवाई का असर यहां नजर नहीं आया और निगम आयुक्त का स्थानांतरण हो गया एवं निगम आयुक्त रोशन कुमार सिंह को उज्जैन निगम आयुक्त का प्रभार दे दिया गया पिछले बोर्ड के समय इस नाले का निर्माण हुआ था
शहर में भले ही स्वच्छता सर्वेक्षण चल रहा है लेकिन यहां वर्तमान में नाले की स्थिति ऐसी हो गई है कि यहां कई लोग अपने घर से निकलने वाला कचरा भी डालने लगे हैं जिसके कारण क्षेत्र में गंदगी फैल रही है साथ ही बीमारी का डर भी बना हुआ है इसे भी देखने वाला कोई नहीं है महापौर मुकेश कटवाल ने अधिकारियों से के साथ दौरा कर इस नाले की स्थिति को जाना एवं तत्काल अधिकारी को निर्देशित किया कि इस नाले से संबंधित सभी तरह की जानकारी उन्हें उपलब्ध कराएं एवं जल्द से जल्द इस और कार्रवाई करें
सबसे मंहगा तीन करोड़ का नाला अब भी अधुरा …..
इधर समाजसेवी धनराज गहलोत ने बताया कि वह पिछले कई समय से नाले को लेकर निगम के अधिकारियों को अवगत करा चुके हैं लेकिन उन्होंने इस और किस तरह का ध्यान नहीं दिया है महापौर मुकेश टटवाल ने नाले का दौरा किया है उन्हें भी यहां की स्थिति से अवगत कराया है