गुटों में बंटी ‘जयस’ हुई एक, तो क्या अलावा कांग्रेस से करेंगे किनारा!
आदिवासी राजनीति में फिर नया मोड़ : खलघाट में हुई बैठक, ज्यादातर की राय कांग्रेस- भाजपा की बजाय जयस खुद ही लड़े चुनाव
इंदौर। मप्र में आदिवासियों के सबसे चर्चित संगठन जय आदिवासी युवा शक्ति (जयस) में कई सालों से चल रही खींचतान और गतिरोध अब थम गया है। खलघाट में हुई बैठक में जयस के संस्थापक सदस्यों के साथ मनावर विधायक डॉ.हीरालाल अलावा शामिल हुए। करीब सात घंटे तक चली इस बैठक में लंबी चर्चा हुई। मीटिंग में तय हुआ कि आदिवासियों के मामलों का फैसला गैर आदिवासी नहीं करेंगे। सामाजिक और राजनैतिक निर्णय आदिवासियों और जयस के पदाधिकारियों की सहमति से लिए जाएंगे। बैठक में विधायक हीरा अलावा ने कहा कि आदिवासी भाई एकजुट हैं। इसके साथ ही चुनावी वर्ष में यह सवाल उठ रहा है कि क्या कांग्रेस विधायक हीरालाल अलावा अब कांग्रेश से किनारा कर लेंगे और जयस से चुनाव लड़ेंगे।
बैठक में शामिल हुए रविराज बघेल ने बताया कि अब एक-दूसरे पर कोई भी सार्वजनिक टीका-टिप्पणी नहीं की जाएगी। सोशल मीडिया के जरिए होने वाले वाद-विवादों को भी रोकने के लिए सभी पदाधिकारी मर्यादा का पालन करेंगे। राजनीति को लेकर विरोधाभाषी बयानबाजी पर भी रोक लगाने को कहा गया है।
जयस अपने उम्मीदवार उतारेगी
बैठक में तय हुआ कि आगामी विधानसभा चुनाव में जयस स्वतंत्र रूप से अपने प्रत्याशी उतारेगी। चुनाव लड़ाने के लिए पार्टी को राजनैतिक दल का गठन कराने या अन्य किसी छोटे दल के सिंबल पर चुनाव लड़ाया जाएगा। इसको लेकर जल्द ही फैसला होगा। लेकिन जयस के अधिकांश पदाधिकारियों ने एक राय होकर ये कहा कि भाजपा और कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ने से बेहतर होगा कि जयस स्वतंत्र रूप से अपने उम्मीदवार उतारे।
16 मई को बड़ा कार्यक्रम
जयस की स्थापना के 10 साल पूरे होने पर संगठन के सभी गुट एक मंच पर आकर बड़ा कार्यक्रम करेंगे। ये स्थापना दिवस का आयोजन कहां होगा इसको लेकर अगले कुछ दिन में बैठक आयोजित की जाएगी।
जयस की बैठक में ये हुए शामिल
धार जिले के खलघाट – इंदौर हाइवे रोड़ होटल प्लास के पास धानी धामनोद स्थित घनश्याम पैलेस (होटल) में हुई बैठक में विधायक डॉ. हिरालाल अलावा, विक्रम अछालिया, रविराज बघेल, राकेश परमार, डॉ. अभय ओहरी, गौरव चौहान, भीमा खोकर, महेंद्र कन्नौज, अंतिम मुज़ालदा, चेतन पटेल, राहुल बामनिया, नितेश अलावा, विजय चोपड़ा,साहेब सिंह कलाम, ओमकारा कटारा, लोकेश मुज़ालदा, शिव भानु सिंह मंडलोई, सीमा वास्केल , प्रोफेसर कन्हेयालाल मेड़ा, संगीता चौहान, राजेंद्र पंवार, भारत गामड़, मुकेश रावत, दिनेश खरते, मोंटू सोलंकी, राजू पटेल मौजूद रहे।