एफआईआर दर्ज होने के बाद भी पद पर बने हुए हैं थाना प्रभारी और सब इंस्पेक्टर
हाई कोर्ट ने शासन से स्थिति स्पष्ट करने को कहा। मामला तस्करी में फंसाने व आत्महत्या के लिए दुष्प्रेरित करने का
इंदौर। एफआईआर दर्ज होने के बाद भी सब इंस्पेक्टर विकास शर्मा और थाना प्रभारी दिलीप पुरी पद पर कैसे बने हुए हैं। कोर्ट ने शासन से इस बारे में स्पष्टीकरण मांगा है। विशेष न्यायालय ने 16 फरवरी को सब इंस्पेक्टर और थाना प्रभारी के खिलाफ एक युवक को आत्महत्या के लिए दुष्प्रेरित करने और अनुसूचित जाति-जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम की धारा 3 और 4 के तहत प्रकरण दर्ज करने के आदेश दिए थे।
टीआई और एसआई पर आरोप है कि उन्होंने दलित वर्ग के एक युवक को तस्करी के मामले में फंसाने की धमकी दी और इतना प्रताड़ित किया कि मजबूरन उसने आत्महत्या कर ली। मृतक के भाई ने मामले में वरिष्ठ अधिकारियों से शिकायत की थी, लेकिन कुछ नहीं हुआ। इस पर उसने दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 156 (3) के तहत जिला न्यायालय में आवेदन देकर टीआई और एसआई के खिलाफ प्रकरण दर्ज करने के आदेश देने की मांग की थी।
विशेष न्यायालय ने दिया था एफआइआर का आदेश
विशेष न्यायाधीश मनोज कुमार तिवारी ने इस आवेदन को स्वीकारते हुए दोनों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया था। इसके बावजूद दोनों अधिकारी अब तक पद पर बने हुए हैं।