नारेबाजी कर कलेक्ट्रेट तक निकाली रैली, कलेक्टर व सीएमएचओ को दिया ज्ञापन
देवास। 10 हजार रुपए प्रतिमाह मानदेय सहित अन्य लंबित मांगों को लेकर जिलेभर की आशा कार्यकतार्एं आशा-आशा सहयोगिनी श्रमिक संघ के बैनर तले 50वें दिन भी हड़ताल पर हैं। हड़ताल के दौरान कार्यकतार्ओं ने जिला अस्पताल परिसर में सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करते हुए कलेक्टर कार्यालय तक रैली निकाली एवं कलेक्टर सीएमएचओ को ज्ञापन सौंपा। जिलाध्यक्ष सुनीता चौहान एवं अनुराधा लोधी ने बताया कि प्रदेश की आशा कार्यकर्ता केवल 2 हजार रुपए मासिक अल्प वेतन में काम कर रही हैं। जबकि आंध्र प्रदेश की राज्य सरकार 8000 रुपए अपनी ओर से मिला कर आशाओं को अतिरिक्त वेतन दे रही है, लेकिन मप्र सरकार पिछले 16 वर्षों से आशा को कुछ भी नहीं दे रही। जब तक मांगें पूरी नहीं होंगी हड़ताल जारी रहेगी। वहीं अन्य कार्यकतार्ओं ने कहा कि प्रदेश सरकार हमारा नौकरी के नाम पर शोषण कर रही है। आशाओं ने कहा कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के कुत्ते के बिस्किट भी महीने में दो हजार से ज्यादा के आते होंगे, उतने पैसे में आशा कार्यकर्ता काम कर रहीं हैं। शासन से मांग है कि आशा को 10 हजार और पर्यवेक्षकों को 15 हजार रुपए देना निश्चित किया जाए। संगठन मंत्री अनिता सिंह ने बताया कि सरकार से हमारी मुख्य मांग है कि आशा पर्यवेक्षकों को कर्मचारी के रूप में नियमितीकरण करे, न्यूनतम वेतन देने, न्यूनतम वेतन 26 हजार रुपए किया जाए, भविष्य निधि, ईएसआई, ग्रेच्युटी, पेंशन सहित सामाजिक सुरक्षा लाभ दिया जाए। इसके अलावा आशाओं के प्रोत्साहन राशि के भुगतान में पारदर्शिता सुनिश्चित की जाए, प्रोत्साहन राशि में अनुचित कटौती को रोका जाए। अब तक काटी गई राशि का एरियर सहित भुगतान किया जाए। हड़ताल के दौरान आशा कार्यकतार्ओं ने रैली में उपस्थित होकर अपना विरोध दर्ज कराया। फोटो क्रमांक 001