विभाग ने की इमजेन्सी सेवाओं के लिए डॉक्टरों की व्यवस्था

सुसनेर। अगर आपके घर में किसी की तबीयत खराब है और आप उसे सरकारी अस्पताल में दिखाने जा रहे हैं तो एक बार पूछ ले अस्पताल में डॉक्टर मिलेगे या नही। क्योकि मंगलवार को सुबह 10 बजे से 12 बजे तक हडताल के बाद बुधवार से शासकीय डॉक्टर हडताल पर रहे। इमजेन्सी सेवाऐं भी बंद रही। हालाकि स्वास्थ्य विभाग ने बांड पर काम कर रहे डॉक्टरों की डयूटी लगाई है जो ओपीडी सहित इमजेन्सी सेवाऐं संभालेगें। इन डॉक्टरों की संख्या कम होने से मरीजों को परेशान होना पड सकता है। मंगलवार को डॉक्टरों की 2 घंटे की हडताल के बाद भी सरकार ने मांगें नहीं माने जाने के बाद आज बुधवार को प्रदेश के साथ सिविल अस्पताल सुसनेर डॉक्टर हडताल पर रहेगें। बता दे कि सरकार की वादाखिलाफी से नाराज डॉक्टरों ने सोमवार से हड़ताल का आगाज कर दिया था। काली पटटी बांधकर काम करने के बाद मंगलवार को सुबह 10 से 12 बजे तक ओपीडी में कार्य बंद रखकर विरोध जताया। बुधवार से अनिश्चितकालीन काम बंद कर धरना दिया जाएगा। सुसनेर एवं सोयतकलॉ के डॉक्टर इस हड़ताल में हिस्सा लेंगे। मप्र चिकित्सा अधिकारी संघ के बैनर तले डॉक्टरों ने डायनेमिक एश्योर्ड कॅरियर प्रोग्रेशन (डीएसीपी) आदेश लागू करवाने, ओल्ड पेंशन स्कीम के साथ उच्चतम पदों पर डॉक्टरों की पदस्थापना की मांग को लेकर यह जनवरी में हड़ताल की थी। जब सरकार ने एक माह में मांगों को पूरा करने का आश्वासन दिया था। लेकिन अब सरकार के मुकरने से डॉक्टरों को यह निर्णय लेना पड़ा। वही पहले से संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी भी अपनी मांगों को लेकर हड़ताल पर हैं। हड़ताल इससे स्वास्थ्य सेवा बेपटरी होने की संभावना है।
संविदा स्वास्थ्य 5कर्मचारी भी हड़ताल पर
नियमितीकरण, निष्कासित लोगों की वापसी सहित अन्य मांगों को लेकर सुसनेर विकासखंड में पदस्थ 50 से अधिक संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी भी हड़ताल पर है। पूर्व में 15 दिसंबर से 3 जनवरी तक हड़ताल की थी। इससे जांच के साथ ही सेवाएं भी प्रभावित हुई थी। सरकार के निर्णय नहीं लेने से ये भी फिर से हड़ताल पर उतर गए हैं।

Author: Dainik Awantika