मप्र हाईकोर्ट ने डॉक्टरों की हड़ताल को बताया अवैध, कहा-तत्काल काम पर लौटें
15 हजार से ज्यादा सरकारी डॉक्टर्स हड़ताल पर, उच्च न्यायालय के आदेश के बाद मीटिंग बुलाई, प्रदेश के कई अस्पतालों में स्वास्थ्य व्यवस्थाएं बुरी तरह चरमराई
भोपाल। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने प्रदेश में जारी डॉक्टरों की हड़ताल को अवैध ठहराया है। एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने आदेश दिया है कि हड़ताल पर बैठे सभी डॉक्टर तत्काल काम पर लौटे। डॉक्टर अस्पताल में मौजूद अंतिम मरीज का भी इलाज करें। हाईकोर्ट ने ये भी कहा कि आगे से बिना अनुमति हड़ताल नहीं करें। भविष्य में टोकन स्ट्राइक को भी हाईकोर्ट ने अवैध बताया। याचिका पूर्व पार्षद इंद्रजीत कुंवर पाल सिंह ने लगाई थी। जिस पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने हड़ताल पर सख्ती दिखाई।
हाईकोर्ट के आदेश पर मध्यप्रदेश स्वशासी शासकीय चिकित्सक महासंघ के मुख्य संयोजक राकेश मालवीय ने कहा कि हाईकोर्ट के निर्देश के संबंध में संगठन पदाधिकारियों की मीटिंग बुलाई गई है।
हड़ताल पर हैं 15 हजार से ज्यादा सरकारी डॉक्टर्स
मध्यप्रदेश के 15 हजार से ज्यादा सरकारी डॉक्टर बुधवार से हड़ताल पर चले गए हैं। इस हड़ताल से प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाएं बुरी तरह चरमरा गई हैं। हड़ताल का असर भोपाल, इंदौर, उज्जैन समेत प्रदेश के 13 सरकारी मेडिकल कॉलेज, सभी जिला अस्पताल, सामुदायिक और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर दिखाई दे रहा है। गंभीर बीमारियों से पीड़ित मरीज ज्यादा परेशान हैं। हालात ऐसे हैं कि प्रदेश के 12 सरकारी मेडिकल कॉलेजों में भर्ती 228 मरीजों के ऑपरेशन बुधवार को टाल दिए गए हैं।
भोपाल में डॉक्टर अस्पताल के बाहर हड़ताल पर बैठ गए। इससे पहले हड़ताल खत्म कराने के लिए मंगलवार रात करीब 8 बजे चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग के आवास पर बैठक हुई। इसमें स्वास्थ्य मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी, गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा और चिकित्सक संगठन के पदाधिकारी मौजूद रहे। करीब एक घंटे चली बैठक में कोई सहमति नहीं बन पाई। डॉक्टरों ने केंद्र सरकार के समान डीएसीपी (डायनामिक एश्योर्ड करियर प्रोसेस) योजना लागू करने समेत अपनी मांगों के पूरा करने की बात कही। इस पर मंत्री ने कहा कि कमेटी से एक-दो मीटिंग और कर लेते हैं, इसके बाद फैसला लेंगे। डॉक्टरों ने कहा कि बैठक करते-करते तो चुनाव की आचार संहिता लग जाएगी। यह कहकर वो बैठक से बाहर निकल आए।
संभागायुक्त ने हड़ताल कर रहे डॉक्टर को हॉस्पिटल से बाहर किया
भोपाल में मप्र शासकीय स्वशासी संघ के मुख्य संयोजक डॉ. राकेश मालवीय को संभागायुक्त माल सिंह ने हमीदिया अस्पताल की बिल्डिंग से बाहर कर दिया। स्वास्थ्य मंत्री बोले- डॉक्टर भगवान का रूप, स्ट्राइक कॉल ऑफ करें। इधर, ध्यप्रदेश मेडिकल टीचर एसोसिएशन और चिकित्सक संघ के आह्वान पर जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन भी हड़ताल पर है।
इंदौर में कलेक्टर और उनकी टीम ने संभाला मोर्चा
इंदौर में कलेक्टर इलैया राजा टी ने मोर्चा संभाल लिया है। वे पीसी सेठी हास्पिटल पहुंचे। आयुष डॉक्टरों को तैनात किया गया है। सभी सरकारी अस्पतालों में एडीएम, एसडीएम एवं अन्य कार्यपालक मजिस्ट्रेट भेजे गए हैं। ये मॉनिटरिंग कर रहे हैं। प्रशासन ने दावा किया है कि किसी भी मरीज को बगैर इलाज वापस नहीं जाने दिया गया है। एम्बुलेंस भी तैनात हैं। 5 अपर कलेक्टरों को शहर के 6 बड़े अस्पतालों में तैनात किया है।
भोपाल के हमीदिया अस्पताल में 150 निजी डॉक्टरों की सेवाएं ली जा रही हैं। गांधी मेडिकल कॉलेज से संबद्ध हमीदिया अस्पताल में 32 और जबलपुर में 50 मरीजों के रूटीन ऑपरेशन टाल दिए गए हैं। हमीदिया से अब तक 9 गंभीर मरीजों को शिफ्ट किया जा चुका है। कुल 40 मरीज शिफ्ट किए जा रहे हैं।
उज्जैन में आयुर्वेदिक डॉक्टरों ने किया इलाज
उज्जैन में भी बुधवार को डॉक्टर बेमियादी हड़ताल पर चले गए। जिला प्रशासन के अफसरों मौजूदगी में जिला अस्पताल में आने वाले मरीजों का इलाज आयुष और आयुर्वेदिक अस्पताल के डाक्टरों ने किया। वही 25 डाक्टरों को आरडी गार्डी मेडिकल कालेज और देवास के अमलतास कालेज से बुलाकर वैकल्पिक व्यवस्था करवाई है।
हड़ताल के चलते प्लान नहीं की सर्जरी
रतलाम और खंडवा के सरकारी मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने डॉक्टर्स की हड़ताल के चलते बुधवार को एक भी मरीज की सर्जरी प्लान नहीं की। सरकारी मेडिकल कॉलेज खंडवा के डीन डॉ. अनंत पवार ने बताया कि एनीस्थेटिक की कमी के कारण मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल में सप्ताह में तीन दिन सर्जरी होती हैं। बुधवार को सर्जरी का दिन नहीं था, इस कारण एक भी मरीज की सर्जरी प्लान नहीं की गई।