इंदौर ने जाना वीर सावरकर का सच
इंदौर। भारत के इतिहास में जिन महान स्वतंत्रता स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के बारे में सबसे अधिक दुष्प्रचार किया गया, उनमें से एक हैं विनायक दामोदर सावरकर अर्थात वीर सावरकर। स्वतंत्रता आंदोलन में अंग्रेजों द्वारा दिए गए अपार कष्टों के बावजूद सावरकर ने भारत माता की स्वतंत्रता के प्रयास नहीं छोड़े। किंतु देश को आजादी मिलने के बाद राजनीतिक षड्यंत्र के तहत जिस तरह वीर सावरकर के विरुद्ध दुष्प्रचार किया गया, वह अक्षम्य है।अब उसी दुष्प्रचार का दुष्प्रभाव कम करने और आम जनता को सच्चाई बताने के लिए देवी अहिल्या विश्वविद्यालय के सभागृह में संस्था मित्र मेला द्वारा दो दिवसीय व्याख्यानमाला आयोजित की गई। इसमें इतिहासकार व लेखक पार्थ बावस्कर ने इंदौर को वीर सावरकर की गौरवगाथा सुनाई। विद्यार्थियों ने सावरकर को लेकर जैसे प्रश्न किए, उससे यह विश्वास जागृत हुआ कि युवा पीढ़ी छल से किए गए दुष्प्रचार को हटाकर सत्य को जानने की उत्सुक है।