मुरैना गोलीकांड: रातभर पुलिस की निगरानी में रहे 6 लोगों के शव
दो शस्त्र लाइसेंस और 24 घंटे पुलिस सुरक्षा देने के आश्वासन के बाद अंतिम संस्कार को राजी हुए परिजन
ब्रह्मास्त्र अंबाह
चंबल के मुरैना के लेपा गांव में शुक्रवार को हुए हत्याकांड ने सबको दहला दिया। यहां 10 साल पुराने विवाद के चलते एक ही परिवार के 6 लोगों की हत्या कर दी गई। परिजन ने शवों का अंतिम संस्कार करने से मना कर दिया। उनकी मांग थी कि उन्हें लाइसेंसी बंदूक दी जाए, आरोपियों के घर तोड़े जाएं। साथ ही पुलिस सुरक्षा मुहैया कराई जाए। काफी समझाइश के बाद भी परिजन अंतिम संस्कार के लिए राजी हुए।
शवों को एम्बुलेंस में ही श्मशान घाट ले जाया गया। अंतिम संस्कार के लिए यात्रा भी नहीं निकाली गई। परिवार को कुछ देर के लिए शवों को देखने की इजाजत मिली। हिंदू मान्यताओं के अनुसार घर पर जो अंतिम क्रियाएं होती हैं, उसे भी नहीं की गई।
एसपी चौहान ने कहा कि शस्त्र के लिए परिवार में जो भी पात्र होगा, उसे शस्त्र मिल जाएंगे। इसके आधार पर दो लोगों को शस्त्र दिए जाएंगे। साथ ही सुरक्षा के लिए चार आरक्षक और एक हेड कॉन्स्टेबल की नियुक्ति होगी, जो पाली के हिसाब से 24 घंटे परिवार के साथ होंगे। घर तोड़ने की मांग पर एसडीएम एलके पांडे ने कहा कि घर तोड़ने को लेकर आरोपियों के परिवार को नोटिस दिया गया है।
छावनी में तब्दील हुआ पूरा गांव
गोलीकांड के बाद से ही गांव में भारी पुलिस बल तैनात है। दूसरे दिन गांव की हर गली में रिजर्व फोर्स के जवान तैनात हैं। पुलिस एक दिन पहले यानी शुक्रवार की शाम को शवों के पोस्टमॉर्टम के बाद शव गांव लेकर पहुंच चुकी थी, लेकिन परिजन ने शव लेने से मना कर दिया था। इसके बाद पुलिस ने शवों को एम्बुलेंस में रखकर गांव की स्कूल में ही रात गुजारी। इस दौरान पुलिस ने परिजन को मनाने का काफी प्रयास किया। इसके बाद पुलिस के आला अधिकारी वापस मुरैना लौट गए और सुबह होते ही वापस मोर्चा संभाला। अफसरों ने पुन: समझाइश दी। इसके बाद परिजन अंतिम संस्कार के लिए राजी हुए।