हाईकोर्ट में सुनवाई 9 मई को, हुकमचंद मिल के मजदूर ब्याज की मांग पर अड़े

रविवार को मिल गेट पर मजदूरों की साप्ताहिक बैठक हुई
दैनिक अवन्तिका इंदौर
हुकमचंद मिल मामले में 9 मई को हाई कोर्ट में सुनवाई होना है। रविवार को मिल गेट पर मजदूरों की साप्ताहिक बैठक हुई। इसमें मजदूरों ने बकाया भुगतान पर ब्याज दिलाने की मांग की। उनका कहना है कि कोर्ट ने वर्ष 2007 में मुआवजा तय किया था। मिल वर्ष 1991 में ही बंद हो चुकी थी। कोर्ट द्वारा तय मुआवजे की रकम पर उन्होंने ब्याज मिलना चाहिए। इधर, हाउसिंग बोर्ड मजदूरों को पहले ही एक मुश्त 174 करोड़ रुपये देने का प्रस्ताव दे चुका है। हाउसिंग बोर्ड को मिल की जमीन पर नगर निगम के साथ मिलकर हाउसिंग और व्यावसायिक प्रोजेक्ट लाना है। बोर्ड संभवत: मंगलवार को होने वाली सुनवाई में अपना प्रस्ताव कोर्ट के समक्ष रख देगा।
हुकमचंद मिल 12 दिसंबर 1991 को बंद हुआ था। इसके बाद से मिल के 5895 मजदूर अपने हक के लिए भटक रहे हैं। मिल के मजदूर प्रत्येक रविवार मिल के गेट पर बैठक कर अपने सुख-दुख साझा करते हैं। रविवार को भी यह बैठक हुई। मजदूर नेता नरेंद्र श्रीवंश, हरनामसिंह धालीवाल, किशन बोकरे ने बताया कि हमने मजदूरों को हाउसिंग बोर्ड के प्रस्ताव के बारे में जानकारी दे दी है। मजदूर ब्याज बगैर भुगतान लेने को तैयार नहीं है। उनकी कहना है कि उन्हें उक्त रकम स्वीकार है, लेकिन ब्याज का मुद्दा कोर्ट पर छोड़ देना चाहिए। हाई कोर्ट इस बारे में जो भी आदेश देगा, वे उसे स्वीकार कर लेंगे।