जीवन में भक्तों को कृष्णमय हो जाना चाहिए
श्रीमद् भागवत कथा में धूमधाम मना श्रीकृष्ण जन्मोत्सव
दैनिक अवन्तिका इंदौर
जीवन में भक्तों को कृष्ण मय हो जाना चाहिए। प्रत्येक मनुष्य में परमात्मा का वास होता है। भारतीय संस्कृति में प्रत्येक दिन माता पिता को चरण स्पर्श किया जाता है। संस्कृति का पालन जरूर करना चाहिए। माता-पिता अपने बच्चों को अच्छे संस्कार दें। उन्हें संस्कारित करें, सत्संग में अपने बच्चों को जरूर लेकर जाएं। इससे अपने कुल और शास्त्रों की जानकारी मिलेगी। संसार में जब कोई काम नहीं आता तब कन्हैया ही काम आते हैं।
यह बात कथावाचक प. सतीश शर्मा ने भागवत कथा में हनुमान मंदिर नंदा नगर में कही। वे भागवत ज्ञान यज्ञ में कृष्ण जन्मोत्सव के अवसर पर संबोधित कर रहे थे। कथा 10 मई तक दोपहर तीन से छह बजे तक होगी। उन्होंने कहा कि भगवान से मिलाने का मार्ग ही साधु संत महापुरुष बताते है। इनके द्वारा बताए गए मार्ग पर चलने से ही जीवन में सफलताएं मिलती हैं। जीवन में दृढ़ निश्चय होना बहुत जरूरी है, जो व्यक्ति दृढ़निश्चय वाला होता है, वह भगवान श्रीकृष्ण का प्रिय है।
समिति के सुरेश गागरे, उदित शर्मा और कान्हा ठाकुर ने बताया कि श्रीमद् भागवत कथा के चौथे दिन श्रीकृष्ण जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया गया। प्रभु श्रीकृष्ण के जयघोष के साथ हाथी घोड़ा पालकी..से पूरा परिसर गूंज उठा। माता यशोदा व नंद बाबा के वेश में मंच पर प्रभु बालगोपाल को देख श्रद्धालु आनंदित हो उठे। महिलाओं ने भजनों पर नृत्य किया। जन्मोत्सव में पारंपरिक परिधान में महिलाएं पीली साड़ी व पुरुष पीले कुर्ते पजामे पहनकर सम्मिलित हुए। सभी भक्तों ने कृष्ण की बाल लीलाओं का आनंद लिया। प्रभु को तिलक करके माखन मिश्री का भोग लगाया। इस दौरान होली भी मनाई गई। फूल की पंखुड़ियां बरसाई गई। भगवान को छप्पन भोग भी लगाया गया। सभी भक्त झूम उठे। कथा सुनने बड़ी संख्या में भक्तगण मौजूद थे। बड़ी संख्या में महिलाएं कथा श्रवण करने आई।