‘मुस्लिम उदार हैं, तो ‘द केरल स्टोरी’ का स्वागत करें’
कथावाचक पुंडरीक गोस्वामी बोले
गुना। यहां श्रीराम कथा करने आए कथावाचक पुंडरीक गोस्वामी ने फिल्म ‘द केरल स्टोरी’ पर कहा है कि इसे दुनियाभर में दिखाया जाना चाहिए। मुस्लिम अगर उदार हैं और उनके अंदर सहानुभूति है, तो वे भी इस फिल्म का स्वागत करेंगे। हमारे धर्म के ऊपर कई बार फिल्म बनाई गई हैं, हमने उसे सहन किया है। यही हिंदू की सबसे बड़ी पहचान है। स्वामी पुंडरीक गोस्वामी 7 वर्ष की उम्र से कथा कर रहे हैं।
डेमोक्रेसी सर्वाइव ही इसीलिए कर सकती है, क्योंकि यह हिंदू राष्ट्र है। मैं यह कहूं कि मुझे हिंदू राष्ट्र बनाना है, तो यह राजनीतिक कदम होगा, लेकिन अगर मैं यह कहूंगा कि हिंदू राष्ट्र है, तो यह समझदारी का विषय होगा। हिंदुस्तान में रहने वाला पशु-पक्षी भी हिंदू है।
पुंडरीक गोस्वामी महाराज गौड़ीय परंपरा के वंश में 38वें आचार्य हैं। ऑक्सफोर्ड से पढ़े हैं।
उन्होंने कहा कि मैं यहां धार्मिक से ज्यादा किसी व्यक्ति के मन पर निवेदन करूंगा। हम चाहे बुद्ध कहते हों, अल्लाह कहते हों, यीशु कहते हों, कभी किसी के मन को प्रेम के बहाने से दुखाओगे, तो कभी आपका भगवान आपको क्षमा नहीं करेगा। यहां जितना हो-हल्ला कर लो, वो तुम्हारी इच्छा है। जब ऊपरवाला अपनी नजर घुमाएगा, उसके परिणाम का कोई आकलन नहीं कर सकता। हमें अपने परिवार के संस्कारों को बहुत पक्का रखना चाहिए। जब तक हमारा वैल्यू सिस्टम मजबूत नहीं होगा, परिवार में संस्कार और हमारे धर्म के विषय में इतनी गंभीरता नहीं आएगी, तब तक कभी न कभी ऐसा कोई रूप प्रकट होता रहेगा।
जिस प्रकार एक डॉक्टर एक डॉक्टर से विवाह करता है, तो डॉक्टरी समझता है। ऐसे ही विवाह- सामाजिक, धार्मिक, पारिवारिक और भावना, इन चारों विषयों का संतुलन है। इसमें धर्म की भी अपनी महत्ता है। इसलिए इस प्रकार के विवाहों के प्रति भी लड़कियों को सावधान होना चाहिए। अगर कोई अपने धार्मिक उद्देश्यों की पूर्ति के लिए ये काम करता है, तो मैं उसका सख्त विरोध करता हूं। ऐसा कभी भी नहीं होना चाहिए।