प्रेमिका से शादी से पहले दूल्हे ने दी जान
मंदिर में फेरे के पहले हुई कहासुनी: दुल्हन ने भी खाया जहर, हालत गंभीर….
इंदौर। में प्रेमी जोड़े ने जहर खा लिया। दोनों को अलग-अलग अस्पताल में भर्ती कराया है। यहां प्रेमी ने दम तोड़ दिया। युवती को वैंटिलेटर पर रखा गया है। कनाड़िया पुलिस ने मामला जांच में लिया है। दोनों परिवार के साथ मंगलवार को आर्य समाज मंदिर में शादी करने पहुंचे थे। इससे पहले युवक-युवती में कहासुनी हो गई थी। पुलिस के मुताबिक दो दिन पहले आजाद नगर में युवक-युवती की टीआई ने काउंसिलिंग भी की थी।
कनाड़िया टीआई जगदीश जामरे के मुताबिक दीपक पिता हरीश अहिरवाल ने मंगलवार दोपहर करीब साढ़े तीन बजे के लगभग जहर खा लिया। उसे उपचार के लिए शकुंतला अस्पताल ले जाया गया। जहां आज बुधवार सुबह उसकी मौत हो गई। लड़की निशा निवासी मूसाखेड़ी का जुपिटर अस्पताल में उपचार चल रहा है। उसकी हालत गंभीर बनी हुई है।
दोनों शादी करने पहुंचे थे
पुलिस के मुताबिक दीपक और निशा की करीब एक साल पहले सगाई हुई थी। मंगलवार दोपहर दोनों आर्य समाज के मंदिर में शादी करने पहुंचे थे। यहां दोनों में कहासुनी हुई। इसके बाद दीपक बाहर निकला और डिब्बी में रखा जहर खा लिया। इस दौरान उसे निशा के जीजा के बेटे ने देखा। वह तुरंत दौड़ते हुए अंदर आया और परिवार को बताया। परिवार के लोग दीपक को शकुंतला अस्पताल लेकर पहुंचे। जहां उन्हें जानकारी लगी कि निशा ने भी डिब्बी में बची हुई जहर की गोलियां खा ली हैं।
चार दिन पहले निशा ने घर छोड़ दिया था
दीपक ने कुछ दिन पहले निशा से शादी करने से इनकार किया था। इस बात पर निशा ने उसे मिलने के लिए और समझाने के लिए बुलाया था। 13 मई को निशा अकेले घर से निकल गई। वह दो दिन तक दीपक के साथ रही। 15 मई को निशा अचानक आजाद नगर थाने पहुंची। यहां उसने दीपक की शिकायत कर दी और आरोप लगाया कि वह शादी की बात से इनकार कर रहा है। इसके बाद टीआई इंद्रेश त्रिपाठी ने दीपक को बुलाया और समझाइश दी की वह ऐसा न करे।
दोनों को समझाने के बाद दीपक ने निशा के जीजा से कहा कि वह कोर्ट में निशा से शादी कर लेगा। इस पर परिवार ने कहा कि आर्य समाज में शादी करा देते हैं, उसके बाद कोर्ट मैरिज कर लेना। इस पर दीपक और निशा के परिजन राजी हो गए। 16 मई को निशा के जीजा राहुल ने पांच हजार रुपए आर्य समाज में जमा किए और शाम चार बजे फेरे के लिए समय ले लिया। इसके बाद दीपक ने छिंदवाड़ा कॉल कर अपने दोस्त से मोबाइल पर दस्तावेज मंगवाए और मंदिर में जमा करा दिए।
शेयर मार्केट में काम के दौरान हुई थी पहचान
परिवार के मुताबिक दीपक और निशा करीब सात साल पहले शेयर कमोडिटी का काम करते थे। इस दौरान दोनों की पहचान हुई थी। दीपक और निशा के बीच पहले मैसेज पर बात होती थी। बाद में उसने निशा को प्रपोज कर दिया था। बाद में दीपक ने नौकरी छोड़ दी और ओला कंपनी में काम करने लगा। इस दौरान भी उनकी बातें होती रहती थी। करीब एक साल पहले दीपक ने परिवार को यह बात बताई और कहा कि वह निशा से प्रेम करता है और शादी करना चाहता है। जिस पर दोनों परिवार राजी हो गए और सगाई कर दी। करीब डेढ़ माह पहले कंपनी ने दीपक का ट्रांसफर छिंदवाड़ा कर दिया था। इसके बाद दोनों के बीच मोबाइल पर बातें होती रहती थी। निशा शादी को लेकर बार-बार दीपक से बात करती थी। जिस पर दीपक टाल देता था। बाद में निशा ने फोर्स कर दीपक को इंदौर बुला लिया था। वह निशा से मिलने आया हुआ था।
पिता की हो गई मौत
निशा के परिवार में उसके पिता नही हैं। गंभीर बीमारी के चलते करीब 2014 उनकी मौत हो चुकी है। निशा के परिवार में चार बहनें है। वही मां घरों में काम करती है। दीपक के परिवार में उसके पिता प्लम्बर हैं। वही छोटा भाई लोकेश है। दीपक के पिता के मुताबिक निशा उनके बेटे को ब्लैकमेल कर रही थी। वह हमें पूरी बातें नही बताता था।