मध्य प्रदेश में 4 साल पहले भूचाल लाने वाले- हनीट्रैप कांड की ओरिजिनल हार्डडिस्क भोपाल कोर्ट में पेश
एसआईटी ने कहा- वीडियो अंतरंग हैं, बंद चेंबर में ही देखे जाएं, आरोपियों को न दिए जाएं
भोपाल। वर्ष 2019 में प्रदेश के राजनीतिक और प्रशासनिक हलके में भूचाल लाने वाले हनी ट्रैप कांड से जुड़े मानव तस्करी केस की सुनवाई में साढ़े 3 साल में पहली बार हनी ट्रैप के वीडियो भोपाल की कोर्ट में पेश किए गए। वीडियो एक सील बंद हार्ड डिस्क में हैं। इन वीडियो की सेंट्रल फॉरेंसिक साइंस लैबोरेटरी से ओके रिपोर्ट मिल चुकी है। इसका मतलब है कि ये वीडियो ओरिजिनल हैं।
मामले की जांच के लिए बनी स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम ने वीडियो की हार्ड डिस्क कोर्ट में पेश करते हुए ये भी अर्जी दी है कि ये तमाम वीडियो अंतरंग हैं। बचाव पक्ष के लोगों को ये वीडियो उपलब्ध न कराए जाएं। केस की सुनवाई बंद चैंबर में हो। यानी चैंबर में न्यायाधीश और दोनों पक्षों के वकीलों के अलावा किसी और को अनुमति न दी जाएं।
एसआईटी के हेड एडीजी विपिन माहेश्वरी के पत्र के साथ वीडियो वाली ये हार्ड डिस्क भोपाल में जज स्मृता सिंह ठाकुर की कोर्ट में पेश की गई हैं। जांच एजेंसी ने हनी ट्रैप केस से जुड़े मानव तस्करी के मामले की आरोपी श्वेता विजय जैन और आरती दयाल की आवाज के सैंपल लेने के लिए कोर्ट में आवेदन लगाया है।
कोर्ट में पेश वीडियो में क्या है?
हनी ट्रैप मामले में मानव तस्करी से जुड़ा एक केस भोपाल में दर्ज किया गया था। इसमें कहा गया था कि एक कॉलेज छात्रा को आरोपियों ने चंगुल में फंसाकर उसे अपने फायदे के लिए इस्तेमाल किया। इस छात्रा को चुने हुए लोगों के पास भेजकर उसके अंतरंग वीडियो बनाए गए। ये वीडियो आरोपियों से जब्त इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स में सुरक्षित रखे गए थे। इनकी सत्यता जानने के लिए एसआईटी ने ये वीडियो सीएफएसएल को भेजे थे। सीएफएसएल ने रिपोर्ट में बताया है कि कौन सा वीडियो किस तारीख को बनाया गया है।
सूत्रों के अनुसार 5 से ज्यादा अंतरंग पलों के वीडियो इस हार्ड डिस्क में बताए जा रहे हैं। इन वीडियो के आधार पर एसआईटी कोर्ट में ये प्रमाणित करने की कोशिश करेगी कि छात्रा को अलग-अलग लोगों के पास भेजकर उनके अंतरंग पलों के वीडियो रिकॉर्ड किए जा रहे थे। छात्रा ने शुरुआती बयान में कबूल किया था कि उसे प्रभावशाली लोगों के पास भेजकर उसके वीडियो बनाए जा रहे थे। ये वीडियो दिखाकर लोगों से पैसों की डिमांड की जाती थी, लेकिन बाद में वह बयान से पलट गई। उसने कोर्ट को बताया कि पुलिस के दबाव में उसने ऐसा कहा था।
हरभजन के वीडियो आरोपियों को नहीं मिलेंगे
आरोपियों के वकीलों में से एक यावर खान ने बताया कि हनी ट्रैप मामला इंदौर जिला कोर्ट में भी विचाराधीन है। जिला न्यायालय इंदौर ने हार्ड डिस्क की एक-एक प्रति आरोपी को दिलाने के आदेश दिए थे। इस पर एसआईटी ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी।
इंदौर के इंजीनियर हरभजन सिंह की सीडी आरोपियों को नहीं मिलेगी
हाईकोर्ट के जस्टिस सुबोध के आदेश अनुसार फरियादी शिकायतकर्ता ( इंदौर नगर निगम का इंजीनियर हरभजन सिंह) से संबंधित इलेक्ट्रॉनिक गैजेट सीडी की प्रति आरोपियों को नहीं दी जाएगी। अन्य सभी पैन ड्राइव व इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स की क्लोन हर आरोपियों को भी देनी होगी।