पांचवीं-आठवीं फेल विद्यार्थियों को एक और मौका, जून में होगी परीक्षा, घोर लापरवाही व गलतियां मानने की बजाए शिक्षा विभाग ने निकाला यह नया रास्ता
उज्जैन/ इंदौर। पांचवीं-आठवीं कक्षा की बोर्ड परीक्षा का रिजल्ट राज्य शिक्षा केंद्र ने जारी कर दिया है, जिसमें कई विद्यार्थियों को पूरक और फेल हुए है। शासन के निर्देश पर फेल छात्र-छात्राओं को एक और मौका दिया जाएगा। अगले महीने के लिए विशेष परीक्षा होगी। इस बारे में राज्य शिक्षा केंद्र अगले कुछ दिनों में तारीख तय करेंगा। वैसे अधिकारियों के मुताबिक जून में परीक्षा प्रस्तावित है। शिक्षा विभाग की भी समझ में है कि इस बार उसके विभाग ने घोर लापरवाही की है, लेकिन गलतियां मानने की वजाए विशेष परीक्षा आयोजित कर मामले को संतुलित किया जा रहा है।
शिक्षा विभाग की घोर लापरवाही
उज्जैन के 78 स्कूलों में जीरो रिजल्ट
पूरे प्रदेश में पांचवीं – आठवी के रिजल्ट में कुछ न कुछ गड़बड़ी पाई गई है। बदहाली का आलम यह है कि उज्जैन के 78 स्कूलों में तो जीरो रिजल्ट आया है। वैसे उज्जैन जिले के सरकारी स्कूल सहित करीबन 300 निजी और शासकीय स्कूल प्रभावित हुए हैं। जिन बच्चों का उत्कृष्ट स्कूल के लिए चयन हुआ है, वे बच्चे भी फेल हो गए। ऐसा भी हुआ है कि गणित में 90 नंबर आए हैं, जबकि हिंदी विषय में सिर्फ एक नंबर। ऐसी कई विसंगतियां हैं। किसी को जीरो किसी को 11 तो किसी को 21 अंक आए। ऐसा भी हुआ है कि किसी बच्चे को अधिकांश विषयों में एक जैसे नंबर आए। कोई बच्चा पास नहीं हुआ।ऐसा कैसे हो सकता है..?
इंदौर जिले में 15000 छात्र हुए फेल
पांचवीं-आठवीं कक्षा की परीक्षा में करीब 93 हजार विद्यार्थी इंदौर जिले से बैठे थे। 88.71 प्रतिशत पांचवीं और 78.48 प्रतिशत आठवीं का रिजल्ट रहा है। दोनों कक्षाओं में फेल विद्यार्थियों की संख्या 15 हजार है, जिसमें कुछ विद्यार्थी एक तो कुछ छात्र-छात्राएं दो-दो विषय में फेल है। इनकी पूरक और विशेष परीक्षा करवाई जाएगी। अंतिम मौका देते हुए जून में परीक्षा करवाई जाएगी। इसके लिए केंद्र अपनी तरफ से प्रत्येक विषय का पेपर तैयार करेगा, जो जिले में भेजे जाएंगे। जिला परियोजना समन्वयक को जिले में इनकी परीक्षा करवानी होगी। चूंकि जून से स्कूल शुरू होंगे। इसके लिए कुछ ही स्कूलों में परीक्षा करवाई जाएगी। स्कूलों से भी जानकारी मांगी है।
अधिकारियों के मुताबिक हाई स्कूल और हाइ सेक्रेंटरी स्कूल में केंद्र रखे जाएंगे। जिला परियोजना समन्वयक अक्षय सिंह राठौर का कहना है कि फेल विद्यार्थियों को अंतिम मौका देंगे। जून में परीक्षा होगी और जुलाई में रिजल्ट देंगे। वे बताते है कि जून वाली परीक्षा में अनुत्तीर्ण होने पर विद्यार्थियों को दोबारा उसी कक्षा में प्रवेश दिया जाएगा।
रिजल्ट में भारी गलतियां
सोमवार को केंद्र ने दोनों कक्षाओं का रिजल्ट घोषित किया है। इस बार आए रिजल्ट में आंकड़ों के मुताबिक सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों के उत्तीर्ण होने की संख्या अधिक है। जबकि निजी स्कूलों का प्रतिशत काफी घटा है। वैसे रिजल्ट में काफी गड़बड़ियां व ऋटियां होने से मेरिट विद्यार्थियों की सूची नहीं आई है। यहां तक कि रिजल्ट में कई विद्यार्थियों का नाम गलत है। साथ ही अंक दिए जाने में भी कई गलतियां है।