उज्जैन के 78 स्कूलों का रिजल्ट जीरो आने के बाद अब- इंदौर के 109 स्कूलों में भी पांचवीं और आठवीं के सारे विद्यार्थी फेल!
लापरवाही की भी हद कर दी अंकसूची में पांचवी के बच्चों को आठवीं और आठवीं के बच्चों को पांचवी का बता दिया
पूरे प्रदेश में सरकार की पांचवी और आठवीं की शिक्षा प्रणाली बुरी तरह नाकाम
इंदौर/ उज्जैन।
शिक्षा विभाग की गंभीर लापरवाही का परिणाम पांचवी और आठवीं के बच्चों और पालकों तथा स्कूल संचालकों को भुगतना पड़ रहा है। उज्जैन के बाद अब इंदौर में भी घोर लापरवाही का यही मामला सामने आया है। उज्जैन में 78 स्कूलों का पांचवी और आठवीं का रिजल्ट जीरो आया है। अब इंदौर में इससे भी बढ़कर 109 स्कूलों के परीक्षार्थियों का रिजल्ट 0 आया है। उज्जैन जिले में करीबन 300 स्कूलों के पांचवी और आठवीं के बच्चों का भविष्य अंधकार में है, तो समझा जा सकता है कि इंदौर जिले में इसकी संख्या और अधिक है। शिक्षा विभाग द्वारा मनमानी से जारी किया गया पांचवी- आठवीं का बोर्ड पैटर्न एग्जाम न सिर्फ बुरी तरह फेल हुआ है बल्कि यह अब तक के इतिहास में काले अक्षरों से लिखा जाएगा। उज्जैन में करीबन 300 स्कूल संचालकों ने शिक्षा विभाग के संयुक्त संचालक को ज्ञापन दिया था, परंतु अभी तक उसका भी कोई हल नहीं निकल पाया है। अब यह इंदौर का मामला आ गया।
गौरतलब है कि बरसों बाद पांचवीं-आठवीं कक्षा की बोर्ड परीक्षा करवाई गई, लेकिन परिणाम को लेकर सवाल खड़े होने लगे हैं। इंदौर जिले के 109 स्कूलों के परिणाम में पांचवीं-आठवीं की परीक्षा देने वाले सारे विद्यार्थियों को अनुत्तीर्ण बताया गया है। इनमें निजी स्कूलों की संख्या अधिक है। अंकसूची में भी और भी गड़बड़ियां सामने आई हैं। आठवीं के छात्र को अंकसूची में पांचवीं का बता दिया है। ऐसे में अभिभावक स्कूलों में शिकायत करने लगे हैं। राज्य शिक्षा केंद्र इन गड़बड़ियों को सुधारने में लगा है।
सोमवार को पांचवीं और आठवीं के परिणाम आने के बाद अभी तक विद्यार्थी अपने स्तर पर नहीं देख पाए हैं। स्कूल प्रबंधन ही विद्यार्थियों को उनकी अंकसूची उपलब्ध करवा रहे हैं। 80 से ज्यादा स्कूलों में आठवीं कक्षा के सभी परीक्षार्थियों का परिणाम शून्य बताया है। पांचवीं के परिणाम में भी कुछ निजी स्कूलों का ऐसा ही हाल रहा है। मामले में स्कूल प्रबंधन ने जिला परियोजना समन्वयक कार्यालय में शिकायत की है। प्रबंधन का कहना है कि विद्यार्थियों ने परीक्षा दी है, लेकिन स्कूल में पास होने वाले विद्यार्थियों को अनुपस्थित दर्शाया है। इन्हें अनुत्तीर्ण दर्शाया है। जिले से 109 स्कूलों के परिणाम में गड़बड़ी पाई गई है।
कुछ विषयों में अंक गायब
अंकसूची में काफी त्रुटियां सामने आ रही हैं। कई विद्यार्थियों के कुछ विषयों में अंक नहीं दर्शाए गए हैं, जबकि कई छात्र-छात्राओं को शून्य अंक मिले हैं। कई विद्यार्थियों की अंकसूची में नाम ही अंकित किया है, उपनाम नहीं है। कई विद्यार्थियों को गलत कक्षा का बता दिया है। जैसे पांचवीं की परीक्षा देने वाले विद्यार्थी को आठवीं और आठवीं के विद्यार्थी को अंकसूची में पांचवीं का बता दिया गया है।
परिणाम अपलोड नहीं हुए
जिला परियोजना समन्वयक अक्षय सिंह राठौर का कहना है कि प्रत्येक विषय में अंक भी दिए गए हैं, मगर साफ्टवेयर में परिणाम अपलोड नहीं हुआ है। समस्या के बारे में वरिष्ठ अधिकारियों को बताया है। परिणाम में संशोधन कर रहे हैं।