तहसील कार्यालय के दस्तावेजों में दर्ज नहीं था खसरा नंबर
उज्जैन। 18 लाख में कृषि भूमि का सौदा करने के बाद युवक तहसील कार्यालय में नामांतरण करने पहुंचा था। जहां पता चला कि जिस खसरा नम्बर की भूमि का सौदा किया गया है, वह नम्बर शासकीय दस्तावेजों में दर्ज नहीं है। युवक की शिकायत पर पुलिस ने 2 लोगों खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज किया है।
पंवासा थाना प्रभारी गजेन्द्र पचौरिया ने बताया कि शंकरपुर मक्सीरोड पर रहने वाले सौरभ पिता राजेन्द्र कुमार शर्मा 31 वर्ष ने अपने साथ कृषि भूमि खरीदने के नाम पर 18 लाख की धोखाधड़ी होने की शिकायत की थी। जांच के बाद मामले में संजय पिता सत्यनारायण मंूदड़ा निवासी कलालसेरी हाल मुकाम बालाजी आटो पार्ट्स निकास चौराहा और शैलेन्द्रसिंह पिता चांदमल शाह निवासी शिवाजी पार्क कालोनी देवासरोड के खिलाफ धारा 420, 120 बी, 34 का प्रकरण दर्ज किया गया है। मामला इस प्रकार है कि सौरभ ने दोनों से मक्सीरोड पर ही कृषि भूमि सर्वे क्रमांक 73/1 रकबा 0.104 स्थित शंकरपुर पटवारी हल्का नम्बर 51 का सौदा किया था। 13 अप्रैल 2017 को 18 लाख रुपये भी दिये और भूमि का विक्रय पत्र संपादन अपने हित में करा लिया। संजय मूंदडा और शैलेन्द्रसिंह ने उसे भूमि के समस्त दस्तावेज खसरा बी-1, नक्शा, ऋण पुस्तिका दिखाए थे। दोनों ने सौरभ के नाम रजिस्ट्री तक करा दी। कुछ दिन बाद सौरभ जमीन का नामांतरण कराने के लिये तहसील कार्यालय में आवेदन दिया। 13 मार्च 2019 को सौरभ को पता चला कि भूमि सर्वे क्रमांक 73/1 रकबा 0.104 शंकरपुर पटवारी हल्का नम्बर 51 उक्त भूमि पर अनावेदक का नाम शासकीय दस्तावेजों में अंकित नहीं है। सभी दस्तावेज फर्जी होकर अवैध है। विक्रय पत्र संपादित कराने के दौरान बनाए गये गवाहों और संजय-शैलेन्द्र से संपर्क कर सौरभ ने अपने रुपये लौटाने को कहा। लेकिन उसे धमकी दी जाने लगी। जिसकी शिकायत एक माह पहले की गई थी।