रूद्रसागर का चेंबर ढहने से नाले का पानी शिप्रा में मिला
– स्मार्ट सिटी द्वारा किए जा रहे सुधार कार्य में बड़ी लापरवाही
– घटिया मटेरियल उपयोग किए जाने का कारण भी सामने आ रहा
– पूरी घटना की जांच और दोषी अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई हो
दैनिक अवंतिका उज्जैन।
शिप्रा नदी में रविवार की सुबह से दोपहर बाद तक लगातार कई घंटों तक जो गंदे नाले का पानी मिलता रहा यह सब उज्जैन के सप्त सागरों में से एक हरसिद्धि मंदिर के सामने स्थित प्राचीन रुद्रसागर का चेंबर ढह जाने के कारण हुआ। रामानुजकोट आश्रम के सामने की ओर यह चेबर पुराने समय से ही बना हुआ है। और वर्तमान में इसी चेंबर से जुड़ी सीवरेज लाइन का सुधार कार्य आदि स्मार्ट सिटी के द्वारा किया जा रहा है।
बताया जाता है कि चेंबर ढहने के बाद नाले का पानी सड़क से बहता हुआ रामघाट व इसके आसपास से होकर शिप्रा में जैसे ही मिलना शुरू हुआ नदी में स्नान कर रहे श्रद्धालु बदबूदार पानी को देखते ही दौड़ पड़े। झागदार पानी में प्लास्टिक की पन्नियों सहित कई तरह की सामग्रियां तैरते हुए नदी में सीधे मिलती रही। इससे रामघाट की शिप्रा पूरी तरह से नाले के पानी में तब्दील हो गई थी। यह नजारा देख हजारों लोगों की आस्था को गहरा आघात पहुंचा। लेकिन मौके पर उस वक्त शासन-प्रशासन का न कोई जिम्मेदार व्यक्ति सुनने वाला था न इस गंदे नाले के पानी को रोकने वाला। लोगों का कहना है कि स्मार्ट सिटी के अधिकारियों की लापरवाही से सीवरेज का पानी शिप्रा में मिलता रहा। क्योंकि जो कार्य चल रहा है उसमें घटिया मटेरियल का उपयोग होने की जानकारी भी सामने आ रही है। ऐसे में इस पूरे मामले की जांच हो व जिम्मेदारों के खिलाफ कार्रवाई होना चाहिए।