जिंदगी का फैसला लेते समय यह मत सोचना कि लोग क्या कहेंगे, इंदौर में बोलीं जया किशोरी
इंदौर। जिंदगी का फैसला लेते समय यह मत सोचना कि लोग क्या कहेंगे? आज घर-घर में महिलाएं ही महिलाओं से ईर्ष्या कर रही हैं, एक-दूसरे से झगड़ रही हैं। बेटी तो शादी के दूसरे दिन ही अपने ससुराल को अपना घर बना लेती है, जबकि शादी के कई सालों बाद भी जवाई अपने ससुराल को अपना घर नहीं मान पाता है। एक बात जान लो राधिका की स्तुति करोगे तो कृष्ण दौड़े चले आएंगे।
यह बात ख्यात प्रवचनकार जया किशोरी ने कही। वे गीता रामेश्वरम पारमार्थिक न्यास द्वारा आयोजित तीन दिवसीय नानी बाई रो मायरो के अंतिम दिन संबोधित कर रही थी। उन्होंने भगवान को मायरा भरने के लिए बुलाने के लिए राधाजी की स्तुति करते हुए कहा कि जब भगवान कृष्ण को मनाना होता है तो पहले राधाजी के नाम का जाप करें। हम लोग रीति-रिवाज के नाम पर बेटी को हमेशा से परिवार से अलग करते आए हैं। सास जब बहू बनकर आई थी, तब उनके साथ बुरा व्यवहार किया गया था। आज वह अपनी बहू के साथ बुरा व्यवहार कर रही हैं। उन्हें चाहिए कि वह एक-दूसरे के साथ अच्छा व्यवहार करें। कथा के प्रसंग के अनुसार आयोजक पूर्व विधायक सत्यनारायण पटेल अपने परिवार के सदस्यों के साथ मायरा लेकर आए। देवास के पूर्व महापौर जयसिंह दरबार, वरिष्ठ कांग्रेसी नेता उमराव सिंह मौर्य, हुकुमसिंह सांखला, रामस्वरूप गहलोत, मोतीसिंह पटेल ने आरती की।